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आरक्षण खत्म करने की चल रही साजिश : भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले

लखनऊ : भाजपा के दलित सांसदों के भीतर अपनी सरकार की नीतियों को लेकर नाराजगी बढ़ती दिख रही है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ अब उत्तर प्रदेश के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने मोर्चा खोला है, फुले सरकार की नीतियों के खिलाफ 1 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन करेंगी और उसके बाद उनकी रैलियों का सिलसिला शुरू होगा। सावित्रीबाई फुले राज्य की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों की नीतियों से खफा हैं और दूसरे दलों का समर्थन भी ले सकती हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के खिलाफ भाजपा के सहयोगी पहले ही नाराजगी जता चुके हैं, इनमें सुहेलदेव पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर सबसे ज्यादा मुखर हैं। हालांकि बहराइच की सांसद ने किसी नेता का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर आरक्षण को खत्म करने की साजिश चल रही है। सावित्री बाई फुले ने कहा कि इस सरकार में गरीब लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को पार्टी की बैठक बुलाई थी और वहां भी अपनी नाराजगी जताई। राजभर कह चुके हैं वे 10 अप्रैल को अमित शाह के आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वादे के मुताबिक बदलाव हो सके। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद योगी सरकार के खिलाफ सहयोगी पार्टियों ने आवाज बुलंद की है।ओम प्रकाश राजभर ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खुलकर अपनी निराशा जाहिर की थी और कहा था कि वह सभी को साथ लेकर चलने में नाकाम रहे हैं। राज्य में ओबीसी समुदाय के नेताओं को नजरंदाज किया जा रहा है। यही नहीं आजमगढ़ से भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा था, 2014 के लोकसभा चुनावों में आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले रमाकांत यादव ने योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। यादव ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने पूजा पाठ करने वाले मुख्यमंत्री बना दिया, सरकार चलाना उनके बस का नहीं है।

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पूर्वांचल में बीजेपी के कद्दावर नेता एवं पूर्व सांसद ने कहा कि पिछड़ों और दलितों को उनका सम्मान मिलना चाहिए, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं दे रहे हैं. वो सिर्फ एक जाति पर ध्यान दे रहे हैं.

उपचुनाव परिणामों के बाद उन्होंने कहा था, ‘पिछड़े और दलितों को जिस तरह से फेंका जा रहा है, उसका परिणाम आज ही सामने आ गया है. मैं आज भी अपने दल को कहना चाहता हूं, अगर आप दलितों और पिछड़ों को साथ लेके चलेंगे तो 2019 में संतोषजनक स्थिति बन सकती है.’

यहीं नहीं एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के दलित सांसदों में भी रोष देखने को मिल रहा है. एनडीए सहयोगी रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा ने शीर्ष कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल किया है. साथ ही बीजेपी के सांसदों ने समाज कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत से भी इस मामले पर मुलाकात की थी और मामले को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने की बात कही थी.।।।

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