नई दिल्ली : मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही यह 6.25 फीसदी हो गया है। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंक भी होम लोन समेत अन्य लोन के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर देंगे। वैसे भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य पहले MCLR रेट में बढ़ोतरी करना शुरू कर चुके हैं। मान लीजिए आप ने किसी बैंक से 8.45 फीसदी की दर से 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया है, इस हिसाब से आप मौजूदा समय में 25,940 रुपये की किश्त हर महीने भरते हैं। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंक भी होम लोन समेत अन्य लोन के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर देंगे। वैसे भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य पहले MCLR रेट में बढ़ोतरी करना शुरू कर चुके हैं। आगे जानें रेपो रेट में बढ़ोतरी कैसे आपकी ईएमआई बढ़ाने का काम करेगी। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद ब्याज दर 8.45 फीसदी से बढ़कर 8.70 फीसदी हो जाएगी। इस बदलाव के साथ आपके होम लोन की ईमएआई में हर महीने 476 रुपये की बढ़ोतरी होगी। इस बढ़ोतरी के साथ आपको 26,416 प्रति माह ईएमआई भरनी होगी। भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू कर सकते हैं। अक्सर देखा गया है कि जब भी आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंक ब्याज दरें कम करने में वक्त लेते हैं, लेकिन जैसे ही रेट में बढ़ोतरी होती है, तो वे ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी करना शुरू कर देते हैं। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंक होम लोन और ऑटो लोन समेत अन्य के लिए ब्याज दर बढ़ा देते हैं।