आरबीआई ने दिया बड़ा झटका, नहीं हुआ ब्याज दरों में कमी का ऐलान
सरकार और कॉरपोरेट जगत को निराश करते हुए आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है. आरबीआई ने बुधवार को वित्त वर्ष 2017-18 की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी की.
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हालांकि सिस्टम में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए आरबीआई ने वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में 50 आधार अंकों या 20 फीसदी की कटौती की है. आरबीआई ने नगद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) या नगद धन की मात्रा को चार फीसदी पर बरकरार रखा है. इसे वाणिज्यिक बैंकों को रखना होता है.
शीर्ष बैंक ने लगातार चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो या अल्पकालिक ब्याज दरों को यथावत रखा है. इससे पहले साल 2016 के अक्टूबर में आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कमी की थी, तब से यह 6.25 फीसदी पर बरकरार है.
बुधवार को लिए गए फैसले में मौद्रिक समीक्षा समिति के पांच सदस्यों ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने के पक्ष में मतदान किया, जबकि एक सदस्य इसके खिलाफ थे. आरबीआई ने अप्रैल में की गई अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. लेकिन रिवर्स रेपो रेट को बढ़ा कर छह फीसदी कर दिया था.
वहीं, शेयर बाजारों पर आरबीआई के इस फैसले का कोई खास असर देखने को नहीं मिला. निफ्टी 26.75 अंकों या 0.28 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9,663.90 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स 80.72 अंकों या 0.26 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31,271.28 पर बंद हुआ.