दस्तक टाइम्स/एजेंसी. दिल्ली: हाल ही में रिलीज बॉलीवुड फिल्म ‘तलवार’ और एक किताब के सामने आने के बाद से मई 2008 में हुए आरुषि-हेमराज हत्या मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है।
फिल्म के रिलीज होने के बाद आरुषि के माता-पिता को हुई सजा को लेकर बहस भी तेज हो गई है। फिल्म और किताब में अपनी भूमिका पर सवाल उठाए जाने के बीच सीबीआई ने इस मामले से संबंधित गाजियाबाद विशेष अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 14 अदालती आदेशों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है।
पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म और एक किताब पर सीबीआई आधिकारिक तौर पर चुप्पी साधे हुए है। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न अदालतों के फैसले और आदेश सार्वजनिक कर दिए गए हैं। लोग इनका अध्ययन कर खुद फैसला कर सकते हैं।
साथ ही उन्होंने मामले को न्यायालय में विचाराधीन बताते हुए कोई अन्य टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। गाजियाबाद की विशेष अदालत ने अपनी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या में दंत चिकित्सक राजेश और नूपुर तलवार को दोषी पाया था।
अपने 210 पेज के विस्तृत आदेश में तत्कालीन विशेष जज श्याम लाल ने तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाने से पहले करीब एक साल तक बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनी थीं।
अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध न्यायाधीश लाल ने तलवार दंपति को दोषी ठहराने के लिए 26 कारण बताए थे और तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई।