आर्थराइटिस के असहनीय दर्द से तुरंत छुटकारा दिला सकते हैं ये घरेलू नुस्खे…
वैज्ञानिकों ने गठिया के एक प्रकार रूमेटॉयड आर्थराइटिस का प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाने के लिए नई विधि ईजाद की है। उनका कहना है कि इंफ्रारेड लाइट के उपयोग से इस ऑटोइम्यून रोग का ना सिर्फ शुरू में ही पहचान हो सकती है बल्कि इसकी बेहतर निगरानी भी की जा सकती है। इसके लिए किसी चीर-फाड़ की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
इम्यून सिस्टम आमतौर पर बीमारियों और संक्रमणों से हमारे शरीर की रक्षा करता है। लेकिन ऑटोइम्यून डिजीज से पीड़ित लोगों में प्रतिरक्षा प्रणाली इसके उलट स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। इसके चलते जोड़ों आदि में दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। अभी इस रोग की जांच ब्लड टेस्ट और एक्स-रे के जरिये की जाती है। इसके विश्लेषण में काफी समय भी लगता है। इसी को ध्यान में रखकर ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह नई तकनीक विकसित की है। इस तरीके से जल्दी और प्रभावी जांच की जा सकती है।
जोड़ों (ज्वाइंट्स) को निशाने पर लेने वाली बीमारी अर्थराइटिस के मरीजों की संख्या दुनिया भर में बढ़त पर है। ऑस्टियो अर्थराइटिस एक आम प्रकार का घुटनों का अर्थराइटिस होता है और इसे जोड़ों का रोग भी कहा जाता है। अर्थराइटिस का दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति को न केवल चलने–फिरने बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है। घुटनों में दर्द होने के साथ–साथ दर्द के स्थान पर सूजन भी आ जाती है।
बेहतर है बचाव
अर्थराइटिस के अनेक प्रकार होते हैं, जैसे ऑस्टियो, र्यूमैटॉइड और गाउटी अर्थराइटिस आदि। कुछ सुझावों पर अमल कर आप अर्थराइटिस की समस्या से राहत पा सकते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों के कार्टिलेज क्षीण हो जाते हैं। उम्र के बढ़ने की प्रक्रिया को कोई रोक नहीं सकता हैऑस्टियो अर्थराइटिस बढ़ती उम्र यानी आमतौर पर लगभग 50 साल के बाद होने वाली समस्या है। इस समस्या से पार पाने के लिए वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है
नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम करने से मांसपेशियों के साथ जोड़ भी सशक्त होते हैं
अपने शरीर के पोस्चर को ठीक रखें जैसे उकड़ू बैठने से बचें। सीढ़ियां न चढ़ें
अत्यधिक चिकनाई युक्त या वसा युक्त भोजन से परहेज करें
अर्थराइटिस का दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति को न केवल चलने–फिरने बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है। घुटनों में दर्द होने के साथ–साथ दर्द के स्थान पर सूजन भी आ जाती है। इस दर्द से राहत दिलाने में आपका सबसे बड़ा हमदर्द होता है आहार और घरेलू नुस्खे। आइए जाने कैसे अर्थराइटिस में घरेलू नुस्खे सबसे सुरक्षित उपचार हैं।
दर्द से राहत पहुंचाने वाले घरेलू नुस्खे
शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रखें
दर्द के समय आप सन बाथ ले सकते हैं
लाल तेल से मालिश करना भी आरामदायक होता है
गर्म दूध में हल्दीर मिलाकर दिन में दो से तीन बार पीयें
सोने से पहले दर्द से प्रभावित क्षेत्र पर गर्म सिरके से मालिश करें
5 से 10 ग्राम मेथी के दानों का चूर्ण बनाकर सुबह पानी के साथ लें
4 से 5 लहसुन की कलियों को एक पाव दूध में डालकर उबालकर पीयें
लहसुन के रस को कपूर में मिलाकर मालिश करने से भी दर्द से राहत मिलती है
आर्थराइटिस के लक्षण
घुटनों और जोड़ों में दर्द होता रहता है
शरीर में अकसर अकड़न बनी रहती है
बाल, चेहरे आदि में रूखापन आ जाता है
भारतीय शौचालय में बैठने पर में परेशानी
सुबह-सुबह जोड़ों में अकड़न व चलने, चौकड़ी मार कर बैठने में परेशानी
पैर चलाने, हाथों को हिलाने और ज्वाइंट्स हिलाने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना होता है
हमेशा याद रखें
नियमित व्यायाम करें
लेटकर टीवी नहीं देखना चाहिए
कैल्शियम व विटामिन-डी युक्त खुराक को पहल दें
नरम गद्दों के बजाय रूई के गद्दों का इस्तेमाल करें
साइकिल, तैराकी, तेज चाल को जीवन साथी बनाएं
चलने-फिरने और बैठने की मुद्राएं (पोस्चर्स) सही होनी चाहिए
अगर वजन उठाना हो तो बजाय कमर से झुकने के घुटनों से झुक कर वजन को उठाना चाहिए
दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, खजूर, बादाम, मशरूम तथा समुद्री फूड को खुराक का अंग बनाएं