नई दिल्ली: देश में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का भी तगड़ा कहर देखने को मिल रहा है. जिस तेजी से ये बीमारी फैलती जा रही और जितने मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उसे देखते हुए सरकार भी अब युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है. अब ये ब्लैक फंगस सिर्फ आम इंसानों को अपना शिकार नहीं बना रहा है. बल्कि देश की सेवा में लगे कई जवान भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. दिल्ली के आर्मी अस्पतालों में इस समय कई सैनिकों का इलाज जारी है.
आर्मी अस्पताल में ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कमी
अब ब्लैक फंगस के इलाज में सबसे ज्यादा एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है. लेकिन इस समय अस्पतालों के पास इसी इंजेक्शन का स्टॉक नहीं है, ऐसे में इलाज करना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. दिल्ली के आर्मी बेस अस्पताल में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की भारी कमी है. अस्पताल में मरीज जरूर काफी ज्यादा हैं, लेकिन उसकी तुलना में ये इंजेक्शन काफी कम दिखाई पड़ रहे हैं.
हैरानी की बात ये है कि इस अस्पताल में इस समय उन सैनिकों का भी इलाज जारी है जो रिटायर नहीं हुए हैं. ऐसे में स्थिति और ज्यादा गंभीर बन जाती है. इस बारे में अस्पताल के एक आर्मी डॉक्टर ने बताया है कि कई जिंदगियां खतरे में हैं. अस्पताल अभी भी इंजेक्शन का इंतजार कर रहा है.
रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा है?
खबर है कि रक्षा मंत्रालय को स्थिति की गंभीरता का अहसासा है और उनके अफसर ने जोर देकर कहा है कि सरकार प्राथमिका के साथ एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति करवाने जा रही है. अब कब तक ये मिल पाएंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
वैसे ये हाल सिर्फ आर्मी अस्पताल का नहीं है, बल्कि हर छोटे-बड़े अस्पताल में इस समय एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कमी है. जैसे पहले ऑक्सीजन के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा था, अब ब्लैक फंगस के इस इंजेक्शन के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है.
क्यों बढ़ा ब्लैक फंगस का कहर?
अब कहा जा रहा है कि देश में ब्लैक फंगस का कहर इतना ज्यादा इसलिए देखने को मिल रहा है क्योकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इस्तेमाल में आए ऑक्सीजन सिलेंडर को ठीक से सैनिटाइज नहीं किया गया था. वहीं दूसरी तरफ क्योंकि कई मरीजों को कोविड के दौरान भारी मात्रा में स्टेरॉयड दिए गए, ऐसे में इसे भी ब्लैक फंगस के कहर के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है. कई राज्य अभी के लिए ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं और इसको लेकर अपनी तरफ से अलग-अलग रणनीति बनाते दिख रहे हैं.