नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी के बाद जमा हुई राशि के खुलासे में देरी का संकेत देते हुए शनिवार को कहा कि इससे पहले उसके अच्छी तरह से ‘सत्यापन’ की जरूरत है और इस काम को बेहद सावधानीपूर्वक किया जा रहा है
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वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ आरबीआई बोर्ड की बैठक के बाद गवर्नर उर्जित पटेल ने यहां कहा, “बैंक की हजारों शाखाएं हैं और 4,000 करेंसी चेस्ट हैं। इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है कि अंतिम संख्या केवल अनुमान नहीं हो, बल्कि उसे पूरी तरह से सत्यापित करने के बाद ही बताया जाए।”
भारतीय रिजर्व बैंक करेगा खुलासा
यह पूछे जाने पर कि नोटबंदी के बाद कितने पुराने नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस जमा किए गए? पटेल ने कहा, “पुराने नोट जमा करने की खिड़की निचले स्तरों पर 31 मार्च और 30 जून तक खुली है। यह देखते हुए हमें सावधानीपूर्वक गणना करने की जरूरत है और अच्छी तरफ नोटों के सत्यापन और लेखा सत्यापन के बाद ही इसे जारी किया जाएगा।”
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जो भारतीय नागरिक विदेश में रह रहे हैं, वे 31 मार्च, 2017 तक इसे जमा कर सकते हैं। जबकि अनिवासी भारतीय को यह सुविधा 30 जून, 2017 तक दी गई है। आरबीआई ने पहले कहा था कि 10 दिसंबर, 2016 तक कुल 12.44 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट जमा हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी। उस दिन तक 500 रुपये के 1716.50 करोड़ नोट और 1,000 रुपये के 685.80 करोड़ नोट प्रचलन में थे। उसी दिन दोनों मूल्य के नोटों को मिलाकर कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट प्रचलन में थे, जिसमें से 8.58 लाख करोड़ रुपये 500 रुपये के नोट की शक्ल में थे और 6.86 लाख करोड़ रुपये 1,000 रुपये के नोट की शक्ल में थे।