अन्तर्राष्ट्रीय

इंडोनेशिया में दोनों डोज लेकर भी नहीं बच पा रहे हेल्थ वर्कर-डॉक्टर, चीनी वैक्सीन लेकर बुरे फंसे

न्यूयॉर्क : चीन की बनाई कोरोना रोधी वैक्सीन सिनोवैक लेने से इंडोनेशिया में कोविड सेंटर पर तैनात कई डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स के बीमार पड़ने और कुछ की मौत हो जाने की जानकारी मिली है। रिपोर्ट में बतायागया है कि इंडोनेशियन मेडिकल एसोसिएशन ने महामारी की शुरुआत से अब तक ऐसे 20 डॉक्टरों की पहचान की है जिनकी मौत सिनोवैक वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी हुई है। इतना ही नहीं बीते 5 महीनों में जान गंवाने वाले 31 अन्य लोगों के वैक्सीनेशन स्टेटस की भी जांच की जा रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सिनोवैक टीका लेने के बाद जिन लोगों ने जान गंवाई उनमें डॉक्टर सुहेंद्रो सस्त्रोविवोहो भी शामिल थे, जो जावा शहर में फ्रंटलाइन मेडिकल वर्कर के तौर पर काम कर रहे थे। डॉक्टर सुहेंद्रो ने सिनोवैक की दोनों खुराकें ले थी लेकिन 18 जून को कोविड पॉजिटिव होने के कुछ दिन बाद ही उनकी मौत हो गई। इसी शहर में दो नर्सों और एक न्यूट्रिशनिस्ट की भी वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने के बाद भी इस महीने ही मौत हो गई। इंडोनेशिया के हेल्थ वर्करों में चीन की वैक्सीन के असर को लेकर स्टडी की गई थी लेकिन यह वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर कितनी असरदार है, इसको लेकर कुछ ज्यादा शोध नहीं किए गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, जावा के छोटे से कस्बे कुदुस में सिर्फ दो हफ्ते के अंदर सिनोवैक की दोनों खुराकें ले चुके 358 मेडिकल वर्कर कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू होने के बावजूद, अभी तक इंडोनेशिया की 5 फीसदी से भी कम आबादी को टीका दिया गया है। इनमें से भी अधिकांश लोगों को चीन की बनाई सिनोवैक वैक्सीन ही दी गई है, जो अब कोरोना के नए वैरिएंट्स के खिलाफ फेल साबित हो रही है। सिर्फ इंडोनेशिया ही नहीं बल्कि चीन की वैक्सीन पर निर्भर मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन जैसे अन्य देशों में भी कोरोना संक्रमण एक बार फिर फैल रहा है।

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