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इकबाल अंसारी का पुनर्विचार याचिका से साफ इनकार, संत बोले- राजनीति के लोग ज्यादा परेशान

अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका पर फैसला करने के लिए लखनऊ में हो रही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर बाबरी मामले के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है। अब आगे नहीं जाना चाहते। उन्होंने कहा कि हम भारत के मुसलमान हैं और संविधान मानते है। अयोध्या मुद्दा बेहद अहम था अब इसे आगे नहीं बढ़ाएंगे। हम चाहते हैं कि मामले को यहीं पर खत्म कर दिया जाए।

इकबाल अंसारी बोले, जितना मेरा मकसद था उतना मैंने किया। घर अल्लाह का है। अल्लाह ही मालिक है। कोर्ट ने फैसला दे दिया उसे मान लेना चाहिए। अयोध्या समेत पूरे देश में शांति का माहौल बना रहे और देश तरक्की करे। हम यही चाहते हैं और अब पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे।

फैसले पर लोगों की अलग-अलग राय पर इकबाल अंसारी ने कहा कि पक्षकार ज्यादा हैं। कौन क्या कर रहा है ये मुझे नहीं मालूम लेकिन मैं अब पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करूंगा।

अयोध्या के संत बोले, पुनर्विचार याचिका का कोई मतलब नहीं
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर राम जन्मभूमि के पक्षकार व पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का कोई भी औचित्य नहीं है। जफरयाब जिलानी की दुकान बंद हो रही है इसलिए वह इस मामले को खींचना चाहते हैं। सत्येंद्र दास ने कहा कि आम मुसलमान फैसले से खुश है। सुप्रीम कोर्ट से जो फैसला हो चुका है वही होगा।

एक अन्य पक्षकार धर्मदास का कहना है कि कानून के हिसाब से सभी व्यक्ति स्वतंत्र हैं। हम चाहते हैं कि सभी लोग राम का समर्थन करें और राम के मंदिर के प्रति आस्था व्यक्त करें। इकबाल अंसारी अयोध्या के मुख्य पक्षकार हैं और वह कहते हैं कि हमें याचिका दाखिल नहीं करना है तो उनका स्वागत है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया है। हमें इसका आदर करना चाहिए।

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