नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर एनडीए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए केंद्र में बड़े दिल वाली सरकार का होना जरूरी है।
उन्होंने कहा, अब हमें देखना होगा कि क्या मौजूदा सरकार बड़ा दिल दिखाएगी या अगली सरकार दिखाएगी। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता आयकर के रूप में केंद्र को 1.30 लाख करोड़ रुपये देती है, लेकिन बदले में उसे केवल 350 करोड़ रुपये मिलते हैं। केजरीवाल ने कहा, इतना तो अंग्रेजों ने भी दिल्ली को नहीं लूटा था, जिस तरह केंद्र ने लूटा है।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं देना चाहता, तो उसे नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के अंतर्गत आने वाले इलाकों, उसकी जमीन और पुलिस अधिकारों को अपने पास रखना चाहिए और दिल्ली के नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र, उनकी जमीन और पुलिस अधिकार दिल्ली सरकार को दे देने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, सभी दल कहते हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। वे अपने चुनावी घोषणापत्रों में इसके लिए वादा करते हैं और चुनाव जीतने के बाद वे कहते हैं कि दरअसल हमारा यह मतलब नहीं था। लोग अक्सर मजाक उड़ाते हैं कि तुम आधे राज्य के एक-चौथाई मुख्यमंत्री हो।
केजरीवाल ने कहा, साल 1993 में बीजेपी सत्ता में आई, केंद्र में कांग्रेस थी। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार आई तो बीजेपी केंद्र में थी। फिर 10 साल तक कांग्रेस केंद्र और दिल्ली दोनों जगह सत्ता में थी। किसी भी वक्त केंद्र ने दिल्ली पर से अपना अधिकार नहीं छोड़ा।