जीवनशैली

इतिहास में पहली बार किन्नरों को लेकर हुआ ये बड़ा खुलासा, जिसे सुनकर आपको नहीं होगा यकीन..

आज हम आपको किन्नरों के बारे में ऐसी बाते बताने जा रहे है जो शायद ना आपने पहले सुनी है ना आपको कभी कोई बताएगा | और ना ही आप कभी किसी से पूछ पाएंगे | दरअसल ये बात ही कुछ ऐसी है की हर कोई इसको नहीं पूछ सकता है | मगर इस बात में भी कोई दोराय नहीं है की जनंना सब चाहते है की आखिर माजरा क्या है ा तो आज उनसे जुड़ी कई बाते हम आपको बताने वाले है | जिनको सुनकर आप दंग रह जाएंगे | तो बिना देर लगाए हम आपको बताते है किन्नरों से जुडी कुछ ऐसी बाते जिनको सुनकर आप दंग रह जाएंगे | क्युकी ये ऐसी बाते है जो सबको पता ही नहीं होती ना कोई बताता है बल्कि अगर गलती से भी आपने किन्नर जात से ये पूछ लिया तो समझिये आपकी खैर नहीं है | खैर आइये बताते है उनसे जुड़े कुछ राज |

किन्नर

किन्नर ] हिजड़ा और ना जाने क्या क्या लोग इन्हे ना जाने किन किन नामो से बुलाते है मगर ये एक ऐसा प्राणी है जो ना ही पुरुष है और ना ही महिला | इन्हे किसी रूप में जज करना भी गलत ही होता है | किन्नर एक ऐसा प्राणी है जो आपको अगर दिल से दुआ दे दे तो आपकी जिंदगी संवर जाएगी और अगर गलती से भी बद्दुआ दे दे तो आपको बर्बाद होने से कोई रोक नहीं सकता |

केवल ख़ुशी के कामो में करते है शिरकत

आपको बता दे की किन्नर केवल ख़ुशी के कार्यक्रम में ही जाते है ये किसी भी हम के कार्यक्रम में नहीं जाते है | कहते है की किन्नर का जन्म ऐसा होता है की अगर आप कोई शुभ काम करने जा रहे हो र किन्नर को देख ले तो आपका दिन भी अच्छा जाता हैं और काम भी होते है |

आइये बताते है उनसे जुडी कुछ बाते

 

आइये आपको हम उनसे जुडी कुछ बाते बताते है जो की आपके लिए भी जनंना जरूरी है| हलकी ये बाते आपको कोई बताएगा नहीं क्युकी ये सभी बाते बेहद संजीदा और उनकी परसनल लाइफ से जुडी हुई होती है |

पुरुष के शुक्राणु से बदलता है लिंग

 

जब भी किसी हिजड़े यानि कि किन्नर की मौत होती है तो पूरा हिजड़ा समुदाय लगभग एक हफ्ते तक भूखा रहता है। ऐसा माना जाता है कि जब पुरुषों के ‘शुक्राणुओं’ की अधिकता होती है तो बेटा होता है और अगर रक्त की अधिकता होती है तो बेटी होती है। लेकिन अगर दोनों बराबर होते हैं तो हिजड़ा पैदा होता है।

मरने पर रोते नहीं है किन्नर

 

जब कोई किन्नर मरता है तो इनके समाज का कोई भी व्यक्ति रोता नहीं है। बल्कि खुश होते हैं कि इस जन्म से उनका पीछा छूट गया। कानून में लगातार संशोधन के बावजूद किन्नरों के साथ हुए बलात्कार को बलात्कार नहीं माना जाता है। किन्नरों की बद्दुओं को इसलिए नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये लोग बचपन से लेकर बड़े होने तक काफी दुख झेलते हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि दुखी दिल की बद्दुआ बहुत बेकार होती है।

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