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इधर बेटी की डोली उठती, उधर डॉन दाऊद का जनाजा

dawood-2-55da7d62a2eeb_lभारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल दाऊद इब्राहिम को सौंपने को लेकर भारत सरकार पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाती रही है। लेकिन पाकिस्तान सरकार हमेशा से ही दाऊद के पाकिस्तान में होने से इनकार करती रही है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने दाऊद को पकडऩे की कई बार कोशिश की है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई। हालही में एक खुलासे से सामने आया था कि दाऊद इब्राहिम को मारने के लिए भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाया था, लेकिन वह ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया। अगर वह ऑपरेशन सफल हो जाता तो आज दाऊद इब्राहिम अपना 60वां जन्मदिन नहीं मना रहा होता।

ये था प्लान

पूर्व गृहमंत्री और वर्तमान भाजपा नेता आरके सिंह ने इंडिया टुडे ग्रुप से बातचीत करते हुए इस ऑपरेशन का खुलासा किया था। सिंह ने बताया था कि आईबी और मुंबई पुलिस के बीच पैदा हुआ विवाद की वजह से वजह से यह ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया और दाऊद एक बार फिर भारत के हाथों से बच निकला। इस ऑपरेशन को साल 2005 में प्लान्ड किया गया था, लेकिन दाऊद के नजदीकी कुछ भ्रष्ट मुंबई पुलिस के अधिकारियों के चलते दाऊद मरने से बच गया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल को मिला था।

छोटे राजन के गुर्गे थे शामिल

सरकार इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती थी, इसलिए इस ऑपरेशन के लिए दाऊद के विरोधी डॉन छोटा राजन के गुर्गों को इसमें शामिल किया गया था। सरकार ने अपने कमांडों को इस ऑपरेशन में शामिल नहीं किया था। इसके लिए छोटा राजन के गुर्गे विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा को चुना गया था। इन दोनों को महाराष्ट्र के बाहर गुप्त स्थान पर ट्रेनिंग भी दी गई थी।

यहां मारा जाता दाऊद

ऑपरेशन के मुताबिक दाऊद अपनी बेटी की रिसेप्शन पार्टी में ही मारा जाता। उस वक्त दाऊद की बेटी महरूख की शादी पाकिस्तान क्रिकेटर जावेद मियादाद के बेटे जुनैद से हुई थी और उनकी रिसेप्शन पार्टी दुबई की एक होटल में थी। भारतीय सुरक्षा एजेंसी का मानना था कि दाऊद को पकडऩे का इससे अच्छा मौका कोई नहीं था। उन्हें दाऊद के बारे में पुख्ता खबर थी कि वह कहां है और कहां जाएगा। यूएन द्वारा दाऊद को खूंखार आतंकियों में शामिल किए जाने के बाद उसका पाकिस्तान से बाहर जाना आसान नहीं था। लेकिन वह अपनी बेटी की रिसेप्शन पार्टी नहीं छोड़ सकता था।

ऐसे हुआ फेल

ट्रेनिंग के बाद जब डोवाल छोटा राजन के दोनों गुर्गों के साथ ऑपरेशन के ब्लू प्रिंट के बारे में चर्चा कर रहे थे। तभी मुंबई पुलिस के कुछ अधिकारी उन गुर्गों के खिलाफ अरेस्ट वारंट लेकर होटल पहुंच गए। पुलिस ने उन दोनों गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया। डोवाल ने पुलिस को बताने की भी कोशिश की, लेकिन अधिकारी डोवाल की बात नहीं माने। बाद में पुलिस ने बताया कि हमें खबर मिली थी कि छोटा राजन के गुर्गे भारत में घुस गए हैं और उनकी योजना है कि वे यहां के एक नेता और बिजनेसमैन को मारना चाहते हैं।

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