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इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के डर से कंपनियों ने बैंकों को लौटाए 1 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली : बैंकों से भारी-भरकम कर्ज लेकर ‘चंपत’ हो चुके उद्योगपति इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड से इस कदर डरे हुए हैं कि अब खुद बैंक जाकर पैसा लौटा रहे हैं।

कंपनी हाथ से निकल जाने के डर से ऐसे प्रमोटर्स 1.1 लाख करोड़ रुपया बैंकों को वापस कर चुके हैं, जो पहले बैंक अधिकारियों से मिलने तक को तैयार नहीं थे। इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड उधार लेकर डिफॉल्ट कर जाने वाले लोगों पर लगाम के लिए लाया गया था। बैंकों को इसका बड़ा फायदा मिला है। इन्सॉल्वेंसी ऐक्शन के डर से अब तक बैंकों को 1.1 लाख करोड़ रुपये वापस मिल चुके हैं। नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल अब तक ऐसे 977 केसों को स्वीकार कर चुका है, जिनमें ऋणदाताओं, या सप्लायर्स जैसे ऑपरेशनल क्रेडिटर्स ने कार्रवाई की मांग की थी। केसों की संख्या चार गुना बढ़ चुकी है, लेकिन इनमें से अधिकतर स्वीकृत होने से पहले वापस ले लिए जाते हैं, क्योंकि ऋणधारक बकाया वापस करने को तैयार हो जाते हैं। सरकारी बैंकों ने इस वित्त वर्ष में लोन डिफॉल्टर्स से 1.8 लाख करोड़ रुपये रिकवर करने का लक्ष्य रखा है, जो कि 2017-18 की तुलना में ढाई गुना अधिक है। जून तिमाही में जिन 12 मामलों में रेज़ॉलूशन हुआ उनमें से 3 में बैंकों को पूरी रकम वापस मिल गई। इन्फ्रास्ट्रक्चर के केस में रिकवरी 1,600 करोड़ रुपये हुई, जबकि दावा 1,428 करोड़ रुपये का था। हालांकि, ओडिशा मैगनीज ऐंड मिनरल्स के मामले में 5,388 करोड़ के दावे में से 310 करोड़ रुपये ही रिकवर हुआ।

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