इन इलाकों में बारिश का अलर्ट, बंगाल में ‘बुलबुल’ तूफान की आहट…
चक्रवाती तूफान महा गुजरात में टकराने से पहले ही कमजोर पड़ गया है। महा चक्रवाती तूफान के गुरुवार सुबह गुजरात के पोरबंदर तट पर टकराने का अनुमान लगाया गया था। मगर बुधवार को अरब सागर में बने विक्षोभ के कारण महा चक्रवात कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। फिर भी मौसम विभाग ने गुजरात, महाराष्ट्र के कई जिलों में तेज हवाएं चलने और बारिश होने का अनुमान लगाया है। दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बुलबुल नामक चक्रवाती तूफान उठ रहा है। इसके 9 नवंबर के बाद उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में टकराने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक बुधवार को अरब सागर में विक्षोभ बनने के कारण महा चक्रवात कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। बुधवार रात तक महा चक्रवात गुजरात के पोरबंदर तट से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर था। हालांकि फिर भी मौसम विभाग ने गुजरात और महाराष्ट्र के कई तटीय जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में धूल भरी आंधी के साथ बारिश की संभावना जताई जा रही है।
महा चक्रवात पोरबंदर से 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, वेरावल से 250 किलोमीटर पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम और दीव से 290 किलोमीटर पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम की ओर है। सुबह तक विक्षोभ के कारण यह और कमजोर होगा। हालांकि तटीय इलाकों में मछुआरों को शुक्रवार तक अरब सागर में नहीं उतरने की अपील की है।
इससे पहले महा चक्रवात के अलर्ट को देखते हुए गुजरात के विभिन्न जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। खुद प्रधानमंत्री ने मंगलवार को बैठक कर तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया था।
महा चक्रवात को देखते हुए महाराष्ट्र के पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदूर्ग, नासिक, पुणे, कोल्हापुर, सातारा, सांगली जिलों को येलो वॉच में रखा गया है। इन इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना भी जताई जा रही है।
बंगाल की खाड़ी में बुलबुल की आहट
दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बुलबुल चक्रवात उठता दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग ने उड़ीसा में बुलबुल चक्रवाती तूफान का अलर्ट जारी किया है। इस चक्रवात के 9 नवंबर को उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की संभावना जताई जा रही है।
ओडिशा तट पर लैंडफाल होने की संभावना कम
चक्रवात बुलबुल 6 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ गति कर रहा है। भारतीय मौसम विभाग यह चक्रवात किस जगह पर लैंडफाल करेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, इस चक्रवात का प्रभाव ओडिशा में कितना पड़ेगा, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। क्योंकि, माना जा रहा है कि चक्रवात पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश की तरफ गति कर सकता है। बावजूद इसके सतर्कता के तौर पर राज्य सरकार एवं प्रशासन की तरफ से हर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने इस चक्रवात को ओडिशा तट से टकराने की संभावना से इन्कार किया है, बावजूद इसके प्रदेश संभावित चक्रवात को लेकर शासन-प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। मौसम वैज्ञानिक एचआर बिश्वास के अनुसार, चक्रवात बुलबुल के आोडिशा तट में लैंडफाल होने की संभावना कम है। इसके बावजूद प्रति तीन घंटे में इसकी स्थिति की जानकारी ली जा रही रहा है। आज इसके संदर्भ में विस्तृत जानकारी मिलने की उम्मीद है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत
इसके प्रभाव से उत्तर ओडिशा के जिलों में 6 सेंटीमीटर तक बारिश होने की संभावना है। आठ नवंबर से तटीय इलाकों में प्रति घंटा 50 से 60 किमी या इससे अधिक रफ्तार से हवा चलने की संभावना जताई गई है। साथ ही उसी दिन से तटीय जिलों में बारिश शुरू हो जाएगी जो अगले दिन तक जारी रहने की संभावना है। सतर्कता के तौर पर मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है, जो मछुआरे समुद्र में है उन्हें वापस आ जाने के लिए कहा गया है। आम लोगों से भयभीत न होने के लिए अनुरोध किया गया है।
बंगाल की खाड़ी में बुलबुल की आहट
दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बुलबुल चक्रवात उठता दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग ने उड़ीसा में बुलबुल चक्रवाती तूफान का अलर्ट जारी किया है। इस चक्रवात के 9 नवंबर को उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की संभावना जताई जा रही है।