इन खूबियों के चलते चंद्रशेखरन को सौंपी गई टाटा संस की कमान
नई दिल्ली। अक्सर ‘चंद्रा’ के नाम से पुकारे जाने वाले 53 साल के चंद्रशेखरन को रतन टाटा ने टाटा संस की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले वे टीसीएस (टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज़) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं।
टाटा संस के नए चेयरमैन बनने के साथ ही वो टाटा समूह के सबसे युवा चेयरमैन में से एक बन गए हैं। चंद्रशेखरन टाटा समूह से 30 साल पहले जुड़े थे। आइए जानते हैं चंद्रशेखरन की वे खूबियां, जिनकी वजह से उन्हें टाटा संस की कमान सौंपी गई है।
टीसीएस में भरोसेमंद सफर
जब चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस काम कर रही थी, तब कंपनी को तीन गुना मुनाफा हुआ था। 2009 में कंपनी का टर्नओवर 30,000 करोड़ रुपए था। चंद्रशेखरन के नेतृत्व में ही 2016 तक यह बढ़कर 1.09 लाख करोड़ रुपए हो गया। टीसीएस फिलहाल देश में सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली प्राइवेट कंपनी है। 116 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप के मार्केट कैपिटल में टीसीएस की हिस्सेदारी 60 फीसदी है। टाटा संस के कुल रेवेन्यू में कंपनी की हिस्सेदारी 70 फीसदी से अधिक है।
भरोसेमंद नेतृत्व और गजब की ऊर्जा
चंद्रा जब से टाटा समूह से जुड़े हैं, उन्होंने अपने काम के जरिए हमेशा अपने नेतृत्व का साबित किया है। उन्होंने टीसीएस की 23 बिजनस यूनिट्स में सर्विस डिलिवरी, ऑपरेशंस और नीतियों को बेहतर तरीके से लागू किया। चंद्रा ने इस कंपनी को आठ हिस्सों में बांटकर काम की जिम्मेदारी अलग-अलग प्रमुखों को सौंपी, जो सीधे उन्हें रिपोर्ट करते थे।
वैश्विक चुनौती व अर्थव्यवस्था का अनुभव
टाटा समूह से जुड़े लोगों का कहना है कि चंद्रशेखरन के पास अंतरराष्ट्रीय बाजार व्यवस्था, वैश्विक चुनौती का अच्छा अनुभव है। वे वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर बारीक नजर रखते हैं। यही कारण है कि टीसीएस के क्लाइंट्स में दुनिया की दिग्गज कंपनियां जैसे जनरल इलेक्ट्रिकल्स, जेपी मॉर्गन, वॉलमार्ट, होम डिपो, वोडाफोन, एबीबी, सिसको और इलेक्ट्रॉनिक आर्ट्स शामिल हैं।
करियर में तेजी से की तरक्की
चंद्रशेखरन ने अपने करियर में तेजी से तरक्की की। 1987 में टीसीएस में एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर के तौर पर कंपनी में करियर शुरू करने वाले चंद्रशेखरन ने धीरे-धीरे और लगातार ग्रोथ की। 2007 में उन्हें टीसीएस का सीओओ नियुक्त किया गया। 2008 में चंद्रशेखरन ने सिटी ग्रुप के बैक ऑफिस के अधिग्रहण की डील में भी खास भूमिका निभाई। फिलहाल कंपनी के सबसे युवा सीईओ में से एक रहे हैं।
अपना लक्ष्य निर्धारित रखते हैं
चंद्रशेखरन टीसीएस में अपने व्यस्त शेड्यूल के बावजूद आईटी सेक्टर के आईकॉन बनकर उभरे। 2012 में नैस्कॉम के चेयरमैन के तौर पर उन्होंने 2020 में इंडस्ट्री का विजन तैयार किया। नैस्कॉम की वरिष्ठ वाइस प्रेजिडेंट संगीता गुप्ता ने कहा कि चंद्रशेखरन में ऑपरेशंस और विजन को लेकर गजब का सामंजस्य है।