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इन छात्रों की जिद ने दिलाई कामयाबी, आर्थिक तंगी को दरकिनार करके छुआ आसमान

कुछ पाने की जिद हो तो आर्थिक तंगी भी कामयाबी के आड़े नहीं आ सकती है। तमाम मुश्किल को दरकिनार करते हुए ऊंचाई हासिल की जा सकती है। यूपी बोर्ड 2017 के रिजल्ट में शानदार प्रदर्शन करके छात्रों ने ये दिखा दिया है। आर्थिक तंगी के बावजूद भी छात्रों ने स्कूल में टॉप किया है। कई छात्रों ने दोस्तों से किताबें लेकर पढ़ाई की। यहीं नहीं स्कूल आने के लिए घर से मिलने वाले बस के किराये को बचाकर पढ़ने के लिए किताबें खरीदी। इनकी इस मेहनत की बदौलत आज उनका नाम स्कूल में सभी की जुबां पर है। 

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इन छात्रों की जिद ने दिलाई कामयाबी, आर्थिक तंगी को दरकिनार करके छुआ आसमान
सोलर लैंप में की पढ़ाई, बनी स्कूल टॉपर 
चेतराम कन्या इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली कल्याणी ने सोलर लैंप की रोशनी में पढ़ाई की है। इस मेहनत का रंग उसको शुक्रवार को घोषित यूपी बोर्ड के नतीजों में मिला। कल्याणी ने 10 वीं में 82.5 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल टॉप किया है। कल्याणी के पिता ड्राइवर हैं। महीने में 8 हजार रुपये कमाते हैं। 

मूल रुप से बिहार की रहने वाली कल्याणी ने बताया कि 3 हजार रुपये घर के किराये में चले जाते हैं। मेरे दो छोटे भाई भी हैं। वो भी स्कूल में पढ़ते हैं। ऐसे घर का खर्च चलाना बहुत मुश्किल होता है। स्कूल से डेढ़ किलोमीटर के करीब मेरा घर है। मैं पैदल स्कूल आती हूं और जाती हूं। उसके बाद घर आकर छोड़ी देर आराम करती हूं फिर  पढ़ाई में लग जाती हूं। हर दिन करीब 6 घंटे की पढ़ाई करती हूं। यही नहीं कल्याणी सारेगामापा में भी हिस्सा ले चुकी है।
अपनी आवाज की बदौलत ही उसको एनसीसी में चुना गया था।

ड्यूटी पर ओवर टाइम करके पढ़ाते हैं पापा
राजकीय इंटर कॉलेज में 10 वीं में 77.11 प्रतिशत अंक पाकर सेकंड टॉपर बने विवेकानंद के पिता एक निजी अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड हैं। कम वेतन होने की वजह से ओवर टाइम करके बच्चों को पढ़ा रहे हैं। विवेकानंद ने बताया कि किराये के मकान में रहते हैं। ऐसे में कम वेतन से घर चलाना मुश्किल हो जाता था। इसलिए पिता ने ओवर टाइम करना शुरू कर दिया। मां ने भी पिता का हाथ बंटाने के लिए एक  प्राइवेट कंपनी में सिलाई का काम शुरू किया। वो भी ओवर टाइम करती हैं। ताकि हमको अच्छी शिक्षा दे सकें। मेरे दो भाई हैं। वो भी पढ़ाई करते हैं। मां सुबह 6 बजे बच्चे घर से चली जाती हैं। इस वजह से कई बार सुबह का खाना भी खुद बनाना पड़ता है।

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6 घंटे पढ़ाई कर बनी स्कूल टॉपर 

अपने माता-पिता के साथ शिल्पी।
नोएडा कन्या इंटर कॉलेज भंगेल में पढ़ने वाली शिल्पी ने 12 वीं में 80.4 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल टॉप किया है। शिल्पी के पिता एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। शिल्पी ने बताया कि वो दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी करना चाहती है। उसके लिए आवेदन करेगी। शिल्पी ने बताया कि वो सिर्फ अच्छे नंबर लाने का सोचकर पढ़ती थी। कभी भी स्कूल टॉप करने के बारे में नहीं सोचा था। चेतराम कन्या इंटर कॉलेज की शालिनी राज ने भी 80.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करके स्कूल टॉप किया है। शालिनी ने बताया कि मैं रोजाना 6 घंटे पढ़ाई करती थी। मेरे पिता सेक्टर – 52 में लैब टेकिभनशियन हैं। उन्होंने पढ़ाई के दौरान मेरी बहुत मदद की है। आगे में बीएससी करूंगी।

बस का किराया बचाकर खरीदी किताबें
राजकीय इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले अभिनय ने 10 वीं में 77.33 प्रतिशत अंक प्राप्त करके स्कूल टॉप किया है। अभिनय ने बताया कि मैं हरौला में परिवार के साथ किराये के मकान में रहता हूं। मेरे पिता लेबर का काम करते हैं। मुश्किल से महीने में 10 हजार रुपये कमा पाते हैं। हम लोग चार भाई बहन हैं। ऐसे में घर खर्च मुश्किल से चल पाता है। मैंने स्कूल आने के लिए मिलने वाले बस के किराये केपैसे बचा बचाकर किताबें खरीदी हैं।

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