आपकी त्वचा की ऊपरी सतह से लेकर आपके पेट के अंदर तक में लाखों की संख्या में बैक्टीरिया सेल्स पाए जाते हैं। अध्ययनों में इस बात का पता चला है कि जब ये बैक्टीरियां एंटी-बायोटिक्स लेने के कारण बाहर निकलने की कोशिश करते हैं, तब प्रोबायोटिक्स उसे रिस्टोर करने में मदद करते हैं।
प्रोबायोटिक्स जो आंत पर अपने प्रभाव के लिए जाने जाते हैं, उनका प्रभाव मुंह से शुरू होता है। इसलिए प्रोबायोटिक्स के कुछ प्रभावों का उपयोग ओरल सस्पेंशन या प्रोबायोटिक माउथवाश के लिए किया जाता है। हेल्थ साइंस विशेषज्ञ डॉ. मैकफारलैंड कहते हैं कि प्रोबायोटिक की मदद से दांतों के संक्रमण को प्रभावी तरीके से रोका जा सकता है। प्रोबायोटिक पर किए गए अध्ययनों के अनुसार, यह कोलोरेक्टल कैंसर और स्तन कैंसर में भी लाभकारी है। इस तरह प्रोयोबायोटिक के बहुत सारे फायदे हैं।
डेयरी उत्पाद जैसे दही और छाछ प्रोबायोटिक के अच्छे स्त्रोत हैं। साथ ही ये खमीरयुक्त खाद्य पदार्थों में भी मिलते हैं। इडली, डोसा, ढोकला और उत्तपम भी प्रोबायोटिक के अच्छे स्त्रोत होते हैं। खमीर करके बनाया गया बंदगोभी का अचार, टोफू, सोया भी प्रोबायोटिक के अच्छे स्रोत होते हैं। ये खाद्य पदार्थ कैल्शियम को पचाने में मदद करते हैं।