इन 5 धर्मों ने की प्रलय की बड़ी भविष्यवाणी, इस दिन खत्म हो जाएगी दुनिया
धरती के विनाश यानी प्रलय को लेकर अब तक न जाने कितनी भविष्यवाणियां हो चुकी हैं, मगर अब तक वो सभी झूठी ही साबित हुई हैं. फिर भी हम आज आपको दुनिया के कुछ अलग-अलग धर्म के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें प्रलय की भविष्यवाणी की गई है.
दुनिया के कई धर्म में प्रलय का जिक्र है, हालांकि वो कब आएगा और उसके बाद क्या हालात बनेंगे इसके बारे में कहीं कोई ज़िक्र नहीं है. आइए, आपको बताते हैं दुनिया के 5 बड़े धर्मों में धरती के विनाश के बारे में क्या भविष्यवाणी हुई हैं.
बौद्ध धर्म के मुताबिक, जब दुनिया से सभी धर्म और सभी जाति के लोग खत्म हो जाएंगे तो उसके करीबन 4600 वर्षों बाद प्रलय आएगा. आकाश में एक-एक करके करीब 6 और सूर्य आएंगे जिसके बाद एक आग के गोले की तरह पृथ्वी नष्ट हो जाएगी.
जोरास्ट्रियन-
इस धर्म के मुताबिक, प्रलय आने से पहले दुनिया बिल्कुल पवित्र हो जाएगी. साथ ही प्रलय आने से पहले आखिरी बार ईश्वर और शैतान का आमना सामना होगा, जिसमें जीत ईश्वर की होगी. इसके बाद ईश्वर नए सिरे से फिर दुनिया को बसाएंगे. जोरास्ट्रियन सिद्धांत के मुताबिक, प्रलय के बाद सभी मरे हुए लोग अपनी कब्रों से उठेंगे और ईश्वर को अपने कर्मों का हिसाब-किताब देंगे. जिन लोगों ने ईश्वर के नियमों का पालन कर अपना जीवन गुजारा है उन्हें मुक्ति दे दी जाएगी. वहीं पापी लोगों को ज्वालामुखी से निकलने वाला पिघला हुआ लावा खिलाया जाएगा.
हिंदू-
हिंदू धर्म में मान्यता है कि भगवान विष्णु अंतिम बार वापस आएंगे, जिसको हिंदू धर्म में कल्कि कहा गया है. कल्कि भगवान विष्णु का अंतिम अवतार माना जाता है. मान्यता है कि जब संसार में लोगों का पाप हद से ज्यादा बढ़ जाएंगा, तब भगवान विष्णु सफेद घोड़े पर सवार, हाथ में तलवार लिए बुराईयों का विनाश करेंगे और धरती पर जीवन समाप्त हो जाएगी, उसके बाद नए सिरे से सृष्टि का सृजन होगा.
जुडेज्म-
इस धर्म में माना जाता है कि मौत के बाद मरने वाले व्यक्ति की आत्मा ईश्वर के पास चली जाती है. जुडेज्म के मुताबिक, प्रलय के दिन भगवान सभी मरे हुए लोगों के शरीर को नए सिरे से बनाएंगे, फिर उन्हें ईश्वर के सामने खड़े होकर अपने-अपने कर्मों की सजा दी जाएगी.
ईसाई धर्म-
ईसाई धर्म में मान्यता है कि संसार के आखिरी दिन सभी मृत और जीवित लोगों को आकाश में ले जाया जाएगा, जहां वो सभी जीजस से मिलेंगे. ईसाई धर्म में इस मान्यता को ‘रैपचर’ का नाम दिया गया है.
इन धर्मों में प्रलय को लेकर बड़ी ही अजीब बातें कहीं गई है जिस पर आज के वैज्ञानिक युग में विश्वास करना मुश्किल हैं, मगर प्रलय होगा या नहीं और होगा तो कब इस बारे में आज तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया है.