पुरुषों का महिलाएं की तरफ अट्रैक्शन को आम बात है, लेकिन जब ये अट्रैक्शन किसी मैच्योर महिला की तरफ हो तो ये खास बन जाता है। पड़ोस से लेकर ऑफिस तक में अब ऐसे रिलेशनशिप बनते देखे जा सकते हैं। फिल्मों तक में इस सच्चाई को दिखाया जाने लगा है, जिसका हालिया उदाहरण हैं ‘हंटर’ और ‘गुड्डू की गन’ जैसी फिल्में। उम्र के साथ जहां खूबसूरती ढलती जाती है, वहीं कुछ पॉजिटिव चीजें भी होती हैं, जिन्हें शायद पुरुष नोटिस करने लगे हैं और रिलेशनशिप बनाने से लेकर शादी करने तक में वे मैच्योर महिलाओं को तरजीह देने लगे हैं। इसके अलावा, ऐसी क्या चीजें हैं जो उन्हें ऐसी महिलाओं की ओर अट्रैक्ट कर रही हैं, इसके बारे में जानेंगे….
कुछ साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि.
45-50 की उम्र में उनमें सेक्स की उत्तेजना बढ़ जाती है और किसी कम उम्र की महिला से वे पुरुष को ज्यादा संतुष्ट कर सकती हैं, यह भी एक कारण है कि पुरुष उनके प्रति अट्रैक्ट होते हैं।
जिम्मेदार होती हैं मैच्योर महिलाएं
मैच्योर महिलाएं जहां अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाना जानती हैं वहीं मुश्किल सिचुएशन का अच्छे से सामना करना भी जानती हैं। कई मामलों में वो न सिर्फ अपने एक्सपीरिएंस शेयर करती हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर इनके मसले भी ढूंढ निकालती हैं। जिससे कई जगहों पर पुरुष रिलैक्स फील करते हैं। घर के बड़े-बूढ़ों से लेकर बच्चों तक के केयर टिप्स उन्हें अच्छे से पता होते हैं।
संतुष्ट करती हैं मैच्योर महिलाएं
बहुत सारे रिसर्च से साबित हुआ है कि जहां पुरुष इंटीमेट होने में ज्यादा वक्त नहीं लगाते वहीं महिलाओं को इसके लिए वक्त चाहिए होता है। महिलाएं इस मामले में इसलिए अपने से कम उम्र पुरुष की ओर अट्रैक्ट होती हैं क्योंकि वो ज्यादा एनर्जेटिक होते हैं। सेक्सुअल प्रेजेंटेशन महिलाओं के लिए बहुत ही जरूरी चीज होती है साथ ही वो फिजिकल और इमोशनल दोनों ही फीलिंग को शेयर करना चाहती हैं, इसलिए पुरुष-महिलाओं की उम्र का ये कॉम्बिनेशन परफेक्ट कहा जा सकता है।
सिचुएशन संभालने वाली मैच्योर महिलाएं
मैच्योर महिला की तलाश के पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि जिंदगी में आने वाले उतार-चढ़ावों को सामना करते हुए वो इतनी ज्यादा कॉन्फिडेंट और स्टेबल हो चुकी होती हैं कि उनके साथ लाइफ बिताना बहुत ही आसान होता है। इमोशन से लेकर फाइनेंशियल हर तरह की सिचुएशन को वो बहुत ही अच्छे से बैलेंस कर लेती हैं।
समझदार होती हैं मैच्योर महिलाएं
किसी भी रिलेशनशिप में पार्टनर के बीच कम्यूनिकेशन बहुत ही जरूरी चीज मानी जाती है। जो बड़ी से बड़ी मुश्किल को दूर कर सकती है और इसकी कमी बड़ी से बड़ी मुश्किल खड़ी भी कर सकती है। मैच्योर महिलाएं इगो को दरकिनार कर बातचीत कर आपसी परेशानियों को दूर करने में यकीन रखती हैं जिसकी हमउम्र पार्टनर में कमी देखी गई है। केयरिंग, कॉम्प्रोमाइजिंग, अंडरस्टैडिंग मैच्योर महिलाओं के नेचर का एक हिस्सा बन चुका होता है जो पुरुषों को उनकी तरफ अट्रैक्ट करता है।
उम्र से कोई मतलब नहीं
आजकल की दुनिया में किसी की उम्र को जज कर पाना वाकई मुश्किल काम है खासतौर से महिलाओं की। 30 की नजर आने वाली महिलाएं असल जिंदगी में 40 की उम्र को पार कर चुकी होती है। ग्रेसफुल नजर आने में उनकी मदद करते हैं ब्यूटी प्रोडक्ट्स। तो अगर आपको ऐसी किसी महिला की तरफ अट्रैक्शन हो जाए तो उस पर अफसोस करने के बजाय उसके पॉजिटिव प्वाइंट को देखें। जिसकी जरूरत आगे लाइफ में पड़ने वाली है।