इन 8 आदतों की वजह से लंबी जिंदगी जीते हैं जापान के लोग
दूसरे देशों के मुकाबले जापान के लोग काफी कम बीमार होते हैं। इसका सीक्रेट है इनकी लाइफस्टाल। सबसे ज्यादा उम्रदराज बुजुर्गों का रिकॉर्ड अभी भी जापान के नाम है। जानते हैं जापान के लोगों की इतनी लंबी उम्र का राज क्या है। 1- स्पेशल चाय : दिन में कई बार पीते हैं : जापानी कॉफी के मुकाबले चाय अधिक पीते हैं। ये आम चाय नहीं होती है। इस चाय में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रोगों से लड़ने के साथ चेहरे पर एजिंग होने से बचाते हैं। ये एक खास तरह के पाउडर से तैयार की जाती है। इसे माका कहते हैं। ये पाउडर विशेष पत्तियों से बनाया जाता है।
2- साफ-सफाई: दिन में दो बार नहाते हैं : जापानी शिंतोवादी हैं। साफ-सफाई शिंतोवाद की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके अलावा यहां के लोग जरा सी भी गंदगी नहीं होने देते। गर्मियों में लोग दिन में दो बार नहाते हैं। यहां कम्युनल बाथ सिस्टम हैं जहां कई लोग जाकर नहा सकते हैं लेकिन गाइडलाइन को फॉलो करना बेहद जरूरी है। 3- आउटिंग: घर में नहीं, बाहर बिताते हैं ज्यादा समय : जापानियों का फोकस खुश रहने और फैमिली व दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने पर ज्यादा होता है। इसके लिए वे घर में कम और बाहर ज्यादा समय बिताते हैं। ये लोग काफी सोशल होते हैं और ज्यादातर लोगों से मिलने के लिए बाहर की जगह का चुनाव करते हैं। इसका एक कारण इनके घरों का छोटा होना भी है।
4- फिटनेस मंत्र : बैठना नहीं, चलें या खड़े रहे: खाने के अलावा इनका पूरा फोकस शारीरिक तौर पर फिट रहने पर होता है। यहां के लोग बहुत कम बैठते हैं, या तो ज्यादातर काम खड़े रहकर करते हैं या चलते-फिरते रहते हैं। ज्यादातर जापानी लोग स्टेशन पैदल चलकर जाते हैं, वहां खड़े रहते हैं। इसके अलावा ट्रेन और वर्कप्लेस में भी ज्यादातर खड़े रहना ही पसंद करते हैं।
5- दिन की शुरुआत: सुबह रेडियो के वॉयस ओवर से रेडियो टेसो वर्कआउट : रेडियो टेसो, एक तरह ही जापानी मॉर्निंग एक्सरसाइज है। इसे जापान में सुबह-सुबह रेडियो पर टेलीकास्ट किया जाता है इसकी धुन और वॉयस ओवर के अनुसार लोग वर्कआउट करते हैं। ये एक तरह की वॉर्मअप एक्सरसाइज है। ये वर्कआउट यहां के लिए एक रिवाज की तरह है जिसे लोग रोजाना फॉलो करते हैं। रेडियो टेसो की शुरुआत अमेरिका से हुई थी जिसे बाद जापान में लागू किया गया।
6- खास तरह से तैयार करते हैं खाना: इनका खाना भी अलग तरह से तैयार किया जाता है। ये लोग ज्यादातर उबला, भाप में पकाया, हल्का फ्राई, धीमी आंच पर पका और फर्मेंटेड फूड खाना पसंद करते हैं। खाने में बेहद कम तेल और मसालों का प्रयोग करते हैं। जापानी लोग खाने में ताजी सब्जियों का अधिक शामिल करते हैं। इसलिए इनके खाने में पोषक तत्व अधिक रहते हैं।
7. छोटी प्लेट: ताकि खाना कम खाएं और चर्बी न बढ़े: जैपेनीज कुजीन की सबसे खास बात है कि यहां छोटी प्लेट, बाउल और चोपास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। फूड कोई भी हो एक प्लेट में एक फूड रखा जाता है ताकि कम मात्रा में भूख मिटे और शरीर में चर्बी न बढ़े। इसके अलावा बर्तनों में फूड काफी कम मात्रा में सर्व किया जाता है। यहां जापानी में कहावत है जिसका मतलब है कि भूख का 80 फीसदी ही खाना लेना चाहिए।
8- ताजा खाना : फूड की पैकिंग पर ताजगी का जिक्र होता है: यहां ताजा और मौसमी फूड ही डाइट में शामिल किए जाते हैं। डाइट में हेल्दी फूड जैसे अनाज और मछलियों को अधिक खाते हैं। दुनियाभर के खानपान पर किताबें लिखने वाली नाओमी मोरियामा की ‘जैपेनीज वीमन डोंट गैट ओल्ड और फैट’ किताब के अनुसार यहां के मार्केट में फल और सब्जियों का पैकेट कितने घंटे पुराना है इसकी जानकारी तक मौजूद होती है ताकि लोगों को ताजा फूड मिल सके।