इबोला प्रभावित देशों में जाने से बचें भारतीय- हर्षवर्धन
नई दिल्ली। गीनिया, लाइबेरिया, सियारा लियोन और नाइजीरिया में इबोला वायरस के प्रकोप की खबरों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने स्थिति पर काबू पाने तक इन देशों की यात्रा नहीं करने का सुझाव दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से इन देशों में अब तक 887 मौतों की जानकारी मिली है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा कि इस रोग के लिए कोई टीका या उपचारात्मक थेरेपी नहीं है। भारत में इसकी सूचना मिलने पर रोगी की पहचान कर उसे अलग रखा जाएगा, जिससे विषाणु के फैलने पर अंकुश लग सके। उन्होंने बताया, सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। इबोला का भारत में खतरा कम है, फिर भी इस विषाणु के भारत में बाहर से आने पर रोक लगाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया, अफ्रीकी महाद्वीप में लगभग सात हजार भारतीय सैनिक हैं, लेकिन ये प्रभावित देशों में नहीं हैं। जेनेवा, सियारा लियोन, लाइबेरिया में लगभग 4700 भारतीय हैं, जहां अधिकमत मामलों की सूचना मिली है। लाइबेरिया में भारतीय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के करीब 300 कर्मचारी हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियान का हिस्सा हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि नाइजीरिया में करीब 40 हजार भारतीय हैं। यदि प्रभावित देशों की स्थिति खराब हुई है तो इन भारतीयों के भारत लौटने की संभावना हो सकती है। हालांकि, अफ्रीकी क्षेत्र से बाहर के देशों में इस विषाणु के फैलने का खतरा कम है। फिर भी सावधानी बरतते हुए एयरलाइनों (खासतौर पर इबोला विषाणु प्रभावित देश) से भारत आने वाले यात्रियों का ब्यौरा प्राप्त कर स्वास्थ्य की दृष्टि से उन पर नजर रखेंगे।