इलाहाबाद पुलिस ने की सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना!
लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। इलाहाबाद पुलिस के लिए शायद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का कोई मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर 22 सितंबर 2००6 को थानाध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादले के संबंध में कई निर्देश दिए थे जिनमें प्रत्येक जिले में इनके तबादले के लिए पुलिस स्थापना बोर्ड बनाए जाने की बात कही गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आदेश के अनुपालन में 8 अप्रैल 2०1० के शासनादेश द्वारा प्रत्येक जिले के एसएसपी/एसपी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्थापना बोर्ड बनाए जाने के आदेश दिए लेकिन लखनऊ स्थित आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर को जनसूचना अधिकारी एसएसपी कार्यालय इलाहाबाद से प्राप्त पत्र 25 अक्टूबर के अनुसार थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक के लिए जनपद स्तर पर पुलिस स्थापना बोर्ड गठित नहीं है। डॉ. ठाकुर ने इसे सीधा सुप्रीम कोर्ट की अवमानना तथा इस संबंध में जारी शासनादेश का उल्लंघन बताया है और डीजीपी उत्तर प्रदेश को प्रेषित अपने पत्र में पूछा है कि यदि इलाहाबाद जिले में पुलिस स्थापना बोर्ड गठित ही नहीं है तो वहां अब तक थानाध्यक्षों के तबादले किसके द्वारा किए जाते रहे हैं? उन्होंने अब तक इस बोर्ड के गठित नहीं होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है।