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इलाहाबाद से प्रयागराज के बाद अब फैजाबाद को अयोध्या करने की संतों ने उठाई मांग, जाने क्या है वज़ह

उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की घोषणा के बाद अब फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने की मांग संतों ने तेज कर दी है। राम जन्मभूमि के वरिष्ठ न्यास और इस समय नरेंद्र मोदी पीएम अगेन की मुहिम चला रहे डॉ. राम विलास वेदांती ने कहा कि दीपोत्सव अथवा राम नवमी में फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने की घोषणा सीएम योगी कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा, वह फिर कोर्ट के फैसले से हो अथवा आपसी समझौते से। वेदांती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अयोध्या के संतों और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने पहले से ही महत्ता को बढ़ाने के लिए फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने की मांग की थी। सीएम येागी ने इसकी सैद्धांतिक सहमति भी जताई और समय आने पर इसकी घोषणा करने का आश्वासन भी दिया था। दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने भी फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने की मांग प्रमुख रूप से की है। यही नहीं, वेदांती ने कहा कि दीपोत्सव में संत समाज इस मांग को जोरदार तरीके से उठाएंगे। पूरी संभावना है कि इस साल की रामनवमी पर फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया जाएगा। अयोध्या कह लीजिए या फिर राम जन्मभूमि, जिक्र आते ही रामायण की अलग-अलग तस्वीरें जेहन में उतरने लगती हैं। नगर निगम की पहल पर देशभर के चित्रकार राम नगरी की दीवारों में रामायण के विभिन्न प्रसंगों से भगवान राम के जीवन के विषय का चित्रण कर त्रेतायुग को जीवंत करने में जुट गए हैं। यह तैयारी ऐसे वक्त की जा रही है जब दीपोत्सव का पर्व बेहद करीब है। अयोध्या मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा, बाहरी पर्यटक रामायण कालीन समय की अनुभूति कर सकें इसलिए यह प्रतियोगिता आयोजित की गई है और आने वाले वर्ष में इस प्रतियोगिता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा। तीन दिवसीय कला महोत्सव कार्यक्रम में देश से सैकड़ों चित्रकार प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे। सफल आयोजन के लिए शुक्रवार को बिड़ला धर्मशाला में सांस्कृतिक आयोजनों के बीच कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि रामवल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास, विशिष्ट अतिथि मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और पुजारी रामदास समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम के आयोजक शांतनु गुप्ता हैं। वह कहते हैं, तीन दिनों में देश के 10 राज्यों के 150 चित्रकार अयोध्या की 100 दीवारों पर रामायण के आठ खंड बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, सुंदरकांड, अयोध्याकांड, उत्तरकांड, लवकुशकांड एवं राम दरबार के विभिन्न प्रसंग दीवार पर उकेरेंगे। यह चित्रण सरयू घाट, नया घाट, राम घाट, राम जन्मभूमि कार्यशाला, बिड़ला धर्मशाला, हनुमानगढ़ी, कनक भवन समेत कई अन्य जगहों पर किया जा रहा है। राम जन्मभूमि में हो रहे इस आयोजन पर चर्चित लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने अपने ऑफिशल ट्विटर अकाउंट से तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है, श्री रामचरितमानस के सातों कांड को दिव्यता से प्रस्तुत करते हुए युवा चित्रकारों को चित्र रचते देखना भी उतना ही दिव्य है। इस पहल के लिए बधाई और आभार। अयोध्या की दीवार पर बनी यह खास तस्वीर उस दौरान की है जब रावण द्वारा हरण के बाद लंका में सीता को अशोक वाटिका में रखा जाता है। राम पहचान के रूप में अपनी अंगूठी हनुमान को देकर भेजते हैं ताकि सीता उन्हें पहचान सकें।

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