इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के चर्चित निठारी कांड में सजायाफ्ता सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया है। राष्ट्रपति के यहां से दया याचिका खारिज होने के बाद आए ऐतिहासिक फैसले में हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली की फांसी के अमल की प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया है। दो जजों की खंडपीठ ने कहा कि सुरेंद्र कोली की दया याचिकाओं के निस्तारण में अनावश्यक विलंब किया है और इस देरी का कोई उचित कारण सामने नहीं लाया गया। मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड एवं न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल की खंडपीठ ने रिम्पा हलधर मर्डरकेस में मिली फांसी को आजीवन कारावास में तब्दील करने की मांग में दाखिल पीपुल्स यूनियन फार डेमीक्रेकिट राइट्स व सुरेंद्र कोली की याचिकाओं का स्वीकार करते हुए कहा कि सुरेंद्र कोली की ओर से दया याचिका प्रस्तुत करने में कोई देरी नहीं की गई। दया याचिका के निस्तारण में देरी राज्य सरकार के स्तर पर की गई। राज्य सरकार ने अपने यहां से राष्ट्रपति के यहां तक फाइल पहुंचाने में 26 माह लगा दिए। और तो और सरकार इसका कोई उचित व स्पष्ट कारण भी नहीं बता सकी।