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इलेक्ट्रिक वाहनों पर बड़ा खुलासा, वैज्ञानिक ने कहा- चीनी झांसे में आने से बचें

ऐसे वक्त में जब भारत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है, वहीं भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक सीएनआर राव ने सरकार को उम्मीदों को करारा झटका दिया है। वैज्ञानिक का दावा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सरकार चीन के झांसे में न आएं क्योंकि इन गाड़ियों में लीथियम आयन बैटरीज का इस्तेमाल होता है।

मैग्नीशियम बैटरी का इस्तेमाल हो
वैज्ञानिक सीएनआर राव का कहना है कि लीथियम ऑयन बैटरी की जगह सोडियम या मैग्नीशियम बैटरी का इस्तेमाल किया जाए। उनका कहना है कि आने वाले वक्त में लीथियम की शॉर्टेज होने वाली है। जिससे हम आने वाले वक्त में केवल चीन पर निर्भरता बढ़ेगी।

लीथियम के भंडार तेजी से हो रहे हैं खत्म
बेंगलुरू स्थित जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस सांइटिफिक रिसर्च के मानद अध्यक्ष 85 वर्षीय वैज्ञानिक राव का कहना है कि असली समस्या यह है कि लीथियम के भंडार तेजी से खत्म हो रहे हैं और दुनिया में कहीं और लीथियम नहीं है। इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ कैमिककल टेक्नोलॉजी (IICT) की प्लेटिनम जुबली लेक्चर में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर लिथियम आग पकड़ लेता है, तो बुझाना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि एक ऑस्ट्रेलियाई ने एक शहर को बिजली देने के लिए एक फुटबॉल फील्ड-आकार की लीथियम बैटरी बनाई है, लेकिन अगर इसमें आग लग जाए, तो इसे बुझाना मुश्किल होगा। वहीं अगर सोडियम में आग लगती है, तो इसे बुझाना संभव है।

IICT सबसे पुरानी रासायनिक प्रयोगशाला
IICT को देश की सबसे पुरानी रासायनिक प्रयोगशाला माना जाता है और इसकी गिनती औद्योगिक प्रयोगशाला में की जाती है, जिसकी स्थापना 1920 में हैदराबाद के निजाम मीर कासिम अली खान ने की थी।

हीलियम भी जल्द होगा दुर्लभ
उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही सोडियम बैटरी बाजार में आएंगी। उन्होंने कहा कि सभी के पास लीथियम-कोबाल्ट बैटरी हैं, लेकिन लीथियम के भंडार हैं कहां? लीथियम केवल एक फैक्टरी से आता है, वहीं कोबाल्ट कांगो से आता है। चीन ने कांगो पर कब्जा पर कर लिया है। चीनी के पास अविश्वसनीय दूरदर्शिता है। आधे से ज्यादा अफ्रिका चीन के नियंत्रण में है, वहीं भारत को भी कोबाल्ट की खानें मिलनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि हीलियम जल्द ही दुर्लभ हो जाएगा, उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक सूर्य ग्रहण के दौरान कैसे जूलुस जैनसेन ने इसकी खोज की थी।

सिर्फ चीन करेगा दुर्लभ धातुओं की आपूर्ति
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि चीन जल्द ही दुर्लभ धातुओं की आपूर्ति का गढ़ बनने वाला है, वहीं भारत को केरल के प्राकृतिक स्रोतों के बारे में सोचना चाहिए। कुछ दिन पहले ही टाटा ग्रुप की टाटा केमिकल्स ने लीथियम ऑयन सेल बनाने का एलान किया है। वहीं बोलीविया ने भी भारतीय खनन कंपनियां उसके यहां लिथियम के खनन कार्य में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है। बोलीविया में इस समय चीन और जर्मनी की एक-एक कंपनियां लिथियम का उत्खनन कर रही है।

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