दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली। संसद की कार्यवाही से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर देशविरोधी होने संबंधी टिप्पणियों को नहीं निकालने को लेकर पार्टी ने लोकसभा में विरोध जताया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के अनुराग ठाकुर ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लै के बयानों पर कांग्रेस से सफाई मांगी। वहीं राज्यसभा में एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी की सफाई को लेकर हंगामा हो रहा है। संसद में जारी हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही को 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
सोनिया-राहुल के खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग
प्रश्नकाल के बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से आग्रह किया कि जेएनयू (JNU) की घटना पर चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाजपा के विधायक ओ पी शर्मा और नाथूराम गोडसे के संबंध में की गईं टिप्पणियों को नियम 353 के तहत कार्यवाही से हटा दिया गया है। उसी तरह अनुराग ठाकुर द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर देशविरोधी होने संबंधी टिप्पणियां भी तक हटा दें।
कांग्रेस की स्पीकर से टिप्पणी हटाने की मांग
खड़गे ने कहा कि नियमानुसार किसी सदस्य पर ऐसे आरोप लगाने के लिए पहले उक्त सदस्य को नोटिस देना होता है और उनका जवाब लेना होता है जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मामले में नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि अगर सदन की कार्यवाही से ये टिप्पणी नहीं हटायी गई तो फिर भविष्य में कोई भी बिना किसी जिम्मेदारी किसी पर भी कैसा भी बयान दे देगा।
बीजेपी ने किया हस्तक्षेप
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि खड़गे का अधिकार है कि वे अपने हित की मांग उठाएं लेकिन अंतिम निर्णय लेने का अधिकार लोकसभा अध्यक्ष का होता है। उन्होंने कहा कि ठाकुर को भी इस बारे में कुछ कहना है। उन्हें भी अनुमति दी जानी चाहिए।
क्या है पूर्व गृह सचिव पिल्लै का दावा?
अध्यक्ष की अनुमति से ठाकुर ने आज अखबारों में छपी कुछ रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व गृह सचिव पिल्लै ने कहा है कि इशरत जहां मुठभेड़ की जांच के मामले में अदालत में दिया गया वास्तविक हलफनामा बदलने का निर्णय शीर्ष राजनीतिक स्तर पर लिया गया था, जबकि चिदंबरम ने अफजल गुरू को दोषी ठहराये जाने में संदेह जताया है। ठाकुर ने कहा कि देश जानना चाहता है कि इशरत जहां मामले में किसके इशारे पर हलफनामा बदलवाया गया था।
नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश
ठाकुर ने कहा कि उस मुठभेड़ को फर्जी करार देकर वर्तमान प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को झूठा फंसाने की सोची समझी साजिश थी। इस पर दोनों पक्षों के बीच शोरशराबा होने लगा। अध्यक्ष ने खड़गे की मांग पर विचार करके निर्णय लेने का आश्वासन दिया और राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा शुरू करने की घोषणा कर दी।