इसीलिए सहमा है अमेरिका क्योंकि आ रही है महाप्रलय वाली ट्रेन!
नई दिल्ली। परमाणु बम से लैस एक ट्रेन, पटरी पर मौत बन कर दौड़ रही है। क्या हो सकता है अगर वो ट्रेन हादसे का शिकार हो जाए? एक हादसा कैसे एक शहर में ले आता है महा प्रलय-1999 में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म ‘द एटॉमिक ट्रेन’ यही दिखाती है। लेकिन, ऐसा लगता है कि फिल्में कभी-कभी आने वाले कल की भविष्यवाणी कर देती हैं। रूसी रेल नेटवर्क पर दौड़ती प्रलय की ये कल्पना साकार हो चुकी है।
रूसी न्यूज एजेंसी रेगनम ने सेना के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भविष्य में रूसी पटरियों पर एक नहीं महाप्रलय लाने वाली कई ट्रेन दौड़ेंगी। रूसी सेना ने प्रलय वाली ट्रेनों को बारगुजिन ट्रेन नाम दिया है। यह ट्रेन परमाणु बमों के जखीरे से लैस होगी। हर ट्रेन पर 6 RS-24 यार्स मिसाइल तैनात होगी। इस ट्रेन को साल रूस 2020 तक तैनात कर देगा। रूस का ये नया और बेहद खतरनाक हथियार अंकल सैम के होश उड़ा देगा।
क्योंकि ICBMs 6 RS-24 यार्स मिसाइलें रूस के मिसाइल तरकश का सबसे खतरनाक हथियार हैं। ये मिसाइलें मुख्य तौर पर बड़े थर्मो-न्यूक्लियर बम यानी हाइड्रोजन बमों को ले जाने के लिए बनाई गई हैं। करीब 6000 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली RS-24 यार्स एक साथ छह परमाणु हथियार अपने साथ ले जा सकती है, लेकिन इन मिसाइलों को पटरियों पर दौड़ती खास फौजी ट्रेन पर लगाने का रूसी फैसला-अंकल सैम का नया सिरदर्द है।
वैसे माना जा रहा है कि रूस ने महाप्रलय वाली ट्रेनों को पटरियों पर उतारने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि अमेरिकी अगुवाई में नाटो फौजें रूस के आसपास एडवांस मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर रही हैं। 12 मई, दिन बृहस्पतिवार से रूस के नजदीक पोलैंड में अमेरिका ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती शुरू कर दी है।
मिसाइल रोधी कवच यहां पोलैंड में तैनात हो रहा है। ये अमेरिकी सेना का सिस्टम है जो कि सुरक्षा प्रदान करेगा। उन मिसाइलों से जो पश्चिमी यूरोप को निशाना बनाने की कोशिश करेंगी। यही इसका मुख्य लक्ष्य है। अपने ठीक बगल में अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती को रूस ने बहुत गंभीरता से लिया है। दरअसल, अमेरिका ने रूसी विरोध को नजरअंदाज करते हुए पोलैंड में मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है।
आधुनिक युद्ध में मिसाइल डिफेंस सिस्टम जमीन पर रडार के नेटवर्क, अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स और जगह जगह तैनात मिसाइल लांचरों का पेचिदा सिस्टम है। मिसाइल डिफेंस आसमान से आते हुए खतरे को रडार और सैटेलाइट्स के जरिए काफी पहले ही भांप लेता है, फिर जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल कर दुश्मन मिसाइल या लड़ाकू विमान को मार गिराता है।
पोलैंड और पूर्वी यूरोप में इनकी तैनाती को जानकार रूसी सैन्य शक्ति के बहुत बड़े काट के तौर पर देखते हैं। ये अमेरिकी रणनीतिक परमाणु मिसाइलों का हिस्सा हैं, जो पूर्वी यूरोप के कगार पर तैनात हैं। और जो लोग भी इस फैसले का हिस्सा बने हैं वो जान लें कि अब तक वो शांति और सुरक्षा के साथ बिना परेशानी के जीते आए हैं। मगर अब इस मिसाइल रक्षा कवच की तैनाती के बाद हमें सोचना होगा कि हम रूस की सुरक्षा के लिए पैदा हुए खतरे से कैसे निपटें।
पुतिन के इस बयान से साफ है कि रूस ने नए खतरे से लड़ने के लिए कमर कस ली है। इसीलिए, लंबी सोच की फौजी रणनीति के तहत रूस ने परमाणु मिसाइलों से लैस बारगुजिन ट्रेन को पटरियों पर उतारने का फैसला किया है। प्रलय वाली ट्रेनों की तैनाती की एक वजह अंकल सैम की Prompt Global Strike हथियारों को भी बताया जा रहा है, ये ऐसे हाइपरसोनिक सिस्टम हैं जो एक घंटे के अंदर पृथ्वी के किसी भी कोने पर भविष्य के हाइपरसोनिक हथियारों के जरिए विध्वंसकारी हमला कर सकते हैं।