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इस्त्राइल की इस मस्जिद का दौरा नहीं कर पाएंगे राष्ट्रपति मुखर्जी

al-aqsa-mosqueनई दिल्ली (7 अक्टूबर): इस्त्राइल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अल-अक्सा मस्जिद का दौरा करने के आग्रह को मानने से मना कर दिया है। अभी हाल ही में इस मस्जिद के परिसर में हिंसा की घटना हुई थी। इसके चलते इस्त्राइल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति के आग्रह को मानने से मना किया है। अगले सप्ताह राष्ट्रपति मुखर्जी अपनी अभूतपूर्व यात्रा में जेरुसलम (यरुशलम) जा रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने मस्जिद का दौरा करने के लिए आग्रह किया था। यह मस्जिद इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक मानी जाती है।

अंग्रेजी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तरफ से राष्ट्रपति मुखर्जी के मस्जिद दौरे के लिए एक प्रस्ताव रखा गया था। जो कि टेम्पल माउंट कम्पाउंड का ही एक हिस्सा है। जिसमें यहूदी और ईसाई धर्म के सबसे ज्यादा पूज्य स्थल भी आते हैं। यह दौरा 13 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के दौरान होना है। दो वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

लेकिन अब यह दौरा असंभव होगा। इस्त्राइल ने भारत को यह सूचना दी है। इस्त्राइली सिक्योरिटी फोर्सेस और फिलिस्तीनी विद्रोहियों के बीच रोज ही चल रही लड़ाई को देखते हुए खतरा बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया है कि व्यापक विद्रोह (इंतिफादा) का खतरा बना हुआ है। जो पहले से ही हजारों लोगों की जान ले चुका है।

राष्ट्रपति मुखर्जी 12 अक्टूबर को फिलिस्तीनी शहर रामल्लाह जाने के बाद इस्त्राइल का दौरा करेंगे। वह यहां दो दिन ठहरने के बाद जॉर्डन जाएंगे। गौरतलब है, इससे पहले किसी भी भारतीय राष्ट्रपति नें इस्त्राइल, फिलिस्तीन और जॉर्डन का दौरा नहीं किया है।

इन दौरों पर राष्ट्रपति मुखर्जी फिलीस्तीन की तुलना में ज्यादा समय इस्त्राइल में बिताएंगे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उनके समकक्ष बेंजामिन नेतानयाहू के साथ आपसी संबंधों के लिए तयशुदा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे पहले किसी भी भारतीय सरकार ने इस्त्राइल के साथ इतने खुले तौर पर अपने संबंधों का इजहार नहीं किया था। सरकारों ने इस आलोचना के डर से ऐसा नहीं किया था, जो कि फिलिस्तीन के स्टेटहुड के लिए नई दिल्ली के परंपरागत समर्थन छोड़ने पर होती।

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