इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद भड़की हिंसा में छह मरे
इस्लामाबद : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में एक इस्लामी संगठन के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस संघर्ष में छह लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। हिंसा के मद्देनजर पाक सरकार ने तनावग्रस्त क्षेत्र में सेना तैनात कर दी है। इस बीच, स्थिति को देखते हुए पाक सरकार ने निजी टेलीविजन चैनलों के साथ-साथ फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइटों पर रोक लगा दी है। इससे पहले फैजाबाद इंटरचेंज पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के हटाने के लिए सुरक्षाबलों ने कार्रवाई की थी। जिसके बाद हुई झड़प में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। उपद्रवियों को नियंत्रित करने लिए सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान 200 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें 95 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना की तैनाती के लिए सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) जारी किया है। मंत्रालय ने कहा इस्लामाबाद में शांति कायम करने के लिए अनिश्चित काल के लिए सेना की तैनाती की गई है।
सुरक्षा स्थिति पर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से फोन पर बातचीत की। सरकार ने बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सभी निजी टेलीविजन चैनलों के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइटों पर रोक लगा दी है। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूव्वत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के प्रदर्शनकारियों के साथ जम कर संघर्ष हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अनेक वाहनों में आग लगा दी और नेताओं के घरों पर हमले किये। प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा है।
प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया है, लेकिन कट्टरपंथी मौलवी ने मंत्री को हटाए जाने तक हटने से इनकार कर दिया है। इस घेराबंदी से पांच लाख से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी के बीच प्रतिदिन सफर करते हैं। सरकार बल प्रयोग नहीं करना चाहती थी, लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शुक्रवार को पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसन इकबाल के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। यह नोटिस सड़क खाली कराने से संबंधित अदालत के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया था।