इस आरती से देवताओं के गुरु को करें प्रसन्न
बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा जाता है. गुरूवार के दिन इनकी पूजा करने का महत्व है. कहते हैं कि गुरु बृहस्पति की आराधना करने से जल्द ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अब बृहस्पति देव की पूजा को पूरा करते हुए अंग में यह आरती गाकर पाएं जीवन में सुख-सम्पन्नता…
जय बृहस्पति देवा, स्वामी जय बृहस्पति देवा।
नित दिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा॥1॥ जय…
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
जगत पिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी॥2॥ जय…
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हर्ता॥3॥ जय…
तन-मन-धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
तब प्रभु प्रगट होकर, आकर द्वार खड़े॥4॥ जय…
दीन-दयाल, दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप, दोष सब हर्ता, भवबंधन हारी॥5॥ जय…
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारी।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी॥6॥ जय…
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
सुख, आनंद, यश फैले, मनवांछित फल पावे॥7॥ जय…