अद्धयात्म
इस उपाय से हर मन्नत होती है पूरी, नहीं रहेगी कोई भी इच्छा अधूरी
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एक दिन आदमी ने छुपकर देखा कि एक शेर अपने शिकार को मुंह में दबाकर जा रहा था। उस शिकार में से अपना बेहतरीन हिस्सा लेने के बाद शेर ने बचाखुचा लोमड़ी के हवाले कर दिया।
दूसरे दिन भी परमेश्वर ने इसी तरह शेर के माध्यम से लोमड़ी के लिए आहार भेजा। आदमी ने यह देखकर सोचा, यदि परमेश्वर इतने रहस्यपूर्ण तरीके से लोमड़ी का ध्यान रखता है तो क्यों न मैं भी अपना जीवन एक कोने में पड़े रहकर आराम से गुजार दूं। परमेश्वर मेरे लिए भी रोज खाने-पीने की व्यवस्था कर देगा।
आदमी को अपने ख्याल पर पक्का यकीन था, इसलिए उसने खाने की चाह में कई दिन गुजार दिए। कहीं से कुछ भी नहीं आया। आदमी का वजन गिरता गया, वह कमजोर होता गया। वह कंकालमात्र रह गया। बेहोशी छाने से पहले उसने एक आवाज सुनी- ऐ आदमी, तुने ग़लत राह चुनी है, सच्चाई को जान! तूने अपाहिज लोमड़ी के बजाय शेर के रास्ते पर चलना क्यों नहीं चुना?