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इस कमाल के बाद अब वनडे सीरीज जीतकर इतिहास रच सकता है भारत

टेस्ट सीरीज में मेजबान कंगारुओं को रौंदकर 72 साल में पहली बार इस देश में इतिहास रचने वाली टीम इंडिया की नजर अब ऑस्ट्रेलिया की धरती पर पहली बार कोई बाइलैटरल (द्विपक्षीय) वनडे सीरीज जीतने पर होगी. टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 12 वनडे सीरीज खेली हैं मगर इसमें एक सीरीज को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी मल्टीनेशन वनडे सीरीज रहीं.

इस कमाल के बाद अब वनडे सीरीज जीतकर इतिहास रच सकता है भारतभारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एकमात्र द्विपक्षीय वनडे सीरीज साल 2016 में खेली गई थी. पांच मैचों की इस सीरीज में भारत को 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी. ओवरऑल रिकॉर्ड देखा जाए तो भारत ने ऑस्ट्रेलिया में कुल 48 वनडे खेले हैं जिसमें 11 में उन्हें जीत मिली जबकि 35 मैच हार गए और 2 बेनतीजा रहे. ऐसे में टेस्ट में कमाल करने वाली टीम इंडिया अब पहली बार ऑस्ट्रेलिया में मेजबान कंगारुओं के खिलाफ कोई बाइलैटरल (द्विपक्षीय) वनडे सीरीज जीतना चाहेगी.

1984-1985 में गावस्कर की कप्तानी में जीता था भारत

टीम इंडिया ने वैसे तो ऑस्ट्रेलिया में दो वनडे सीरीज जीती हैं, लेकिन वह बाइलैटरल (द्विपक्षीय) नहीं बल्कि मल्टीनेशन वनडे सीरीज रहीं. भारत ने 1984-1985 में बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड चैंपियनशिप टूर्नामेंट जीता था. इसके बाद भारत ने 2007-2008 में कॉमनवेल्थ बैंक वनडे ट्राई सीरीज अपने नाम की थी.

1984-1985 में भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में कंगारुओं की धरती पर मल्टीनेशन वनडे टूर्नामेंट जीता था. इस टूर्नामेंट के एक मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पीटकर आठ विकेट से यादगार जीत दर्ज की थी. एमसीजी पर 1984-1985 में बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड चैंपियनशिप भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण थी. टीम इंडिया को नॉकआउट करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को 223 रन बनाकर मेहमान टीम को 160 रन के स्कोर पर रोकने की जरूरत थी.

लेकिन, रॉजर बिन्नी (27/3) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया को 163 रन पर ऑलआउट कर दिया. इसके बाद कृष्णमचारी श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और भारतीय टीम को आठ विकेट की यादगार जीत दिलाई. श्रीकांत ने अपनी 93 रन की नाबाद पारी में 12 चौके जमाए. इसके बाद भारत ने आगे चलकर पाकिस्तान को आठ विकेट से हराकर बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड चैंपियनशिप की ट्रॉफी जीती.

2007-2008 में माही की कप्तानी का चला था जादू

2007-2008 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया था. इस टूर्नमेंट में गौतम गंभीर ने 440 रन बनाए थे जबकि सचिन तेंदुलकर ने 399 रन बनाए. भारत के लिए ईशांत शर्मा ने 14 इरफान पठान ने 11 और प्रवीण कुमार ने 10 विकेट हासिल किए. इस ट्राई सीरीज के पहले और दूसरे फाइनल में सचिन तेंदुलकर ने क्रमश: 117 और 91 रनों की पारी खेली. तब सचिन ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर अपना पहला वनडे शतक जमाया था. भारत ने दूसरा फाइनल जीतकर ट्रॉफी अपने नाम की.

अब विराट के पास इतिहास रचने का मौका

आपको बता दें कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला 12 जनवरी को सिडनी में खेलेगी. सीरीज का दूसरा वनडे एडिलेड में 15 जनवरी को खेला जाएगा और आखिरी वनडे 18 जनवरी को मेलबर्न में खेला जाएगा. टेस्ट में कंगारुओं को पीटने वाली विराट ब्रिगेड के पास वनडे सीरीज जीतकर इतिहास रचने का मौका है. विराट कोहली अगर टीम इंडिया को वनडे सीरीज में भी जीत दिलाते हैं तो वह भारत के पहले ऐसे कप्तान बन जाएंगे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर एक ही दौरे में टेस्ट और बाइलैटरल (द्विपक्षीय) वनडे सीरीज में जीत दर्ज की होगी.

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