इस क्षेत्र को महात्मा गांधी ने ‘एवरग्रीन सिटी ऑफ़ इंडिया’ का नाम दिया था
त्रिवेंद्रम या तिरुवनंतपुरम भारत के केरल राज्य की राजधानी है। इस क्षेत्र को महात्मा गांधी ने ‘एवरग्रीन सिटी ऑफ़ इंडिया’का नाम दिया था।
त्रिवेंद्रम या तिरुवनंतपुरम भारत के केरल राज्य की राजधानी है। इस क्षेत्र को महात्मा गांधी ने ‘एवरग्रीन सिटी ऑफ़ इंडिया’का नाम दिया था। त्रिवेंद्रम, भारत के दस हरियाली वाले शहरों में से एक माना जाता है। अपनी संस्कृति, परंपरा और मनमोहक वातावरण के लिए प्रसिद्ध त्रिवेंद्रम, प्रोद्योगिकी के क्षेत्र के लिए एक बड़ा केंद्र है। कुल मिलाकर देखा जाए तो त्रिवेंद्रम, व्यापार, संस्कृति, शिक्षा, अर्थव्यवस्था आदि के नजरिए से देश का एक महत्त्वपूर्ण शहर है।
लोक मान्यताओं के अनुसार त्रिवेंद्रम या तिरुवनंतपुरम अनाथन (शेषनाग) के नाम पर है, जो भगवान विष्णु का वाहन और आसन है। इस शहर को तिरुवनंतपुरम नाम, यहां स्थित श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर से मिला है। अन्य मान्यताओं ने अनुसार, परशुराम ने इस स्थान के लिए समुद्र देव से युद्ध किया था। सात पहाड़ियों पर बसा त्रिवेंद्रम शहर, पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थल है, जहाँ पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम वेधशाला, चिड़ियाघर, नेपियर संग्रहालय, शंखुमुखम बीच, कोवलम बीच, आट्टुकाल देवी मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं।
तिरूवनंतपुरम का इतिहास
त्रिवेंद्रम या तिरुवनंतपुरम, एक ऐतिहासिक शहर है, जिसका इतिहास लगभग 1000 ईसा पूर्व पुराना है। शहर के सबसे पहले शासक ‘ऐस वंशज’ थे, जिनके बाद वेनद के शासकों ने 10 वीं सदी में इस शहर को अपने अधीन कर लिया। त्रावणकोर के संस्थापक मार्तंड वर्मा ने त्रिवेंद्रम को 1745 में अपनी राजधानी बनाया।19वीं सदी का मध्य भाग, शहर के लिए स्वर्णिम युग रहा, जिस दौरान राजा स्वाति थिरूनल और महाराजा आईल्यम तिरुनल ने अंग्रेजी स्कूल, वेधशाला, जनरल अस्पताल, ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पांडुलिपि पुस्तकालय, यूनिवर्सिटी और कॉलेज आदि की स्थापना की। सन् 1956 में केरल राज्य बनने के बाद त्रिवेंद्रम या तिरुवनंतपुरम, केरल की राजधानी घोषित की गई।
तिरूवनंतपुरम की सामान्य जानकारी
राज्य– केरल
स्थानीय भाषाएं– मलयालम, अंग्रेजी, तमिल
स्थानीय परिवहन– टेम्पो, रिक्शा, ऑटो, बस
पहनावा– त्रिवेंद्रम में कलात्मक और पारंपरिक रंगबिरंगी पोशाकें यहां के स्थानीय लोगों की जीवनशैली से जुड़ी हुई हैं। यहाँ की स्थानीय महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं। हर विशेष उत्सव, त्यौहार, कला प्रदर्शन आदि के अवसर पर यहाँ पारंपरिक पोशाक पहनी जाती है। बदलते समय के साथ अब यहाँ के पुरुष जीन्स, टी-शर्ट आदि भी पहनते हैं।
खान-पान– त्रिवेंद्रम में कई विशेष स्थानीय व्यंजनों को पर्यटकों द्वारा पसंद किया जाता है। थोरन, कलान त्रिवेंद्रम के प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक हैं। केले के चिप्स त्रिवेंद्रम की खासियत है। यहाँ खाने में शाकाहारी व्यंजनों से अधिक स्वादिष्ट मांसाहारी व्यंजन होते हैं जो कि लोगों द्वारा बहुत ही पसंद किया जाता है। त्रिवेंद्रम में कई रेस्टोरेंट भी हैं, जहां स्थानीय व्यंजनों को चखा जा सकता है। साथ ही पर्यटक यहां उत्तर भारतीय और चाइनीज व्यंजन के साथ- साथ फास्ट फूड का भी मज़ा ले सकते हैं।