इस गांव में हर आदमी कमाता है 80 लाख रुपये सालाना
एजेंसी/ आज लोग गांव छोड़कर शहरों में बस रहे हैं, क्योंकि गांव में या तो सुविधाएं नहीं है. अगर है तो फिर वहां कमाई के साधान उतने नहीं है. यही वजह है की गांवों की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है. इतना ही नहीं सरकारें भी सिर्फ शहरों को बसने के बारे में सोचती है और कोई भी नई सुविधा शहर के लोगों को मिलती है. लेकिन हम आपको आज एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में सुनकर आप भी कहेंगे कि शहर से अच्छा गांव है…
अकसर गांव का नाम जुबान पर आते ही लोगों के मन में जो पहले तस्वीर सामने आती है वो टूटी-फूटी सड़कें, खपरैल (टाइल) और घास-फूस से बने घर और रोजी रोटी के लिए खेतों में काम करता हुआ किसान…
लेकिन भारत के पड़ोसी देश चीन के हुआझी गांव में रहने वाले लोगों की दशा शहर से बहुत अलग है. ये गांव पूरे दशे में सबसे अमीर कृषि गांव के नाम से जाना जाता है. इस गांव में तकरीबन 2000 लोग रहते हैं जिनकी सालाना आमदनी एक लाख यूरो (तकरीबन 80 लाख रुपये) है.
इतना ही नहीं इस गांव में रहने वाले करोड़पतियों की संख्या चीन के और गांवों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं.
इस गांव की स्थापना 1961 में हुई थी और शुरुआत में इस गांव के हालात भी अन्य गांव की तरह ही थे. लेकिन धीरे-धीरे इस गांव की तस्वीर बदली है. यहां केवल औद्योगिक विकास के लिए ही नहीं योजना नहीं बनाई बल्कि कृषि प्रणाली में सुधार के लिए ठोस नियम बनाए. वर्ष 1990 में इस गांव ने मल्टी सेक्टर इंडस्ट्री बनाई और शेयर बाजार में रजिस्ट्रर करवाया. इस कंपनी के शेयरधारकों में गांववालों के नाम शामिल थे.
साल 2012 में स्टील, सिल्क और ट्रैवल इंडस्ट्री से इस गांव को करीब 9.6 अरब रुपये का फायदा हुआ. ये फायदा बाद में गांव के लोगों के बीच में बांट दिया गया. इस गांव में 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं और 55 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को यहां पेंशन के साथ चावल और सब्जियां भी दी जाती हैं.
इस गांव में ऊंची-ऊंची बिल्डिंग, चौड़ी-चौड़ी सड़के, होटल, खूबसूरत पार्क, स्वीमिंग पूल तथा अन्य सुख सुविधाओं को देखकर विश्व के हाईटेक शहर भी फीके पड़ते दिखाई देते हैं. इतना ही नहीं देशी-विदेशी के तकरीबन हजारों लोग रोजाना इस गांव में घूमने आते है और इस गांव की बढ़ती तरक्की को समझने की कोशिश करते हैं.