अद्धयात्म

इस तरह से करे धन देवता की पूजा मिलेंगे विशेष लाभ


आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसके पास कभी भी धन की कमी न हो। हर किसी का सपना होता है कि उसका घर हमेशा धन-दौलत से भरा रहे। इसके लिए बहुत से लोग बहुत सारे उपाय करते हैं, ताकि उनके घर धन की कभी कमी न रहे। धन कू कमी होना भी वास्तु दोष का ही कारण माना जाता है। क्योंकि वास्तु दोष के कारण ही व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शास्त्रों में धन के देवता कुबेर को बताया गया है। कुबेर को भगवान शिव का द्वारपाल भी बताया गया है, इसलिए इनकी पूजा की जाती है। आज हम आपको इसी से जुड़े कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें ये बताया गया है कि कैसे धन के देवता को प्रसन्न किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में-

घर की उत्तर-पूर्व दिशा में एक साफ जगह को गोमूत्र या गंगाजल से साफ कर लें और इसके बाद एक साफ लकड़ी का पाटा उस स्थान पर रख लीजिए। फिर एक चमेली के तेल की शीशी, 50 सफ़ेद मोमबत्ती और 50 हरी मोमबत्ती लें। इसके बाद पाटे को साफ कर उसपर एक हरी मोमबत्ती और एक सफ़ेद मोमबत्ती को चमेली के तेल में डुबोकर पाटे पर रख दें, दोनों को जलाकर एक दूसरे से 9 इंच की दूरी पर पाटे पर चिपका दें। ध्यान रहे कि पाटे पर बाईं तरफ़ हरी मोमबत्ती और दाहिनी तरफ़ सफ़ेद मोमबत्ती रखें और पहले हरी मोमबत्ती को जलाएं उसके बाद सफ़ेद मोमबत्ती को जलाएं। दो मोमबत्तियां जलाकर मन में प्रार्थना करें कि हे धन के देवता कुबेर, मुझे धन की अमुक (जिस काम के लिए धन की जरूरत हो उसका नाम) काम के लिए जरूरत है, मुझे ईमानदारी से धन को प्राप्त करने में सहायता करें। प्रार्थना करने के बाद मोमबत्ती को जलता हुआ छोड़ कर अपने काम में लग जाइए।

दूसरे दिन देखें कि अगर मोमबत्ती पूरी जल गई है, तो उस जले हुये मोम को वहीं पर लगा रहने दें और अगर नहीं जली हो तो वैसी ही रहने दें। दूसरी मोमबत्तियों को पहले दिन की तरह से ले लीजिए और पहले जली हुई मोमबत्तियों से एक दूसरे के नजदीक लगाकर जलाकर पहले दिन की तरह से वही प्रार्थना करें। धन आने का साधन बनता चला जाएगा और ऐसा 50 दिनों तक एक निश्चित समय पर करें। धन का आगमन होने पर किसी बहती हुई नदी में मोमबत्तियों के पिघले मोम को बहा दें और ध्यान रखें कि ऐसे धन का कभी गलत प्रयोग न करें।

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