राज्य
इस थाने को देखकर दंग रह जाएंगे आप, मल्टीनेशन कंपनी के दफ्तर की आती है Feeling
कोरबा।पुलिस थाने का नाम जेहन में आते ही एक अलग तस्वीर आंखों के सामने घूमने लगती है। लाल कपड़ों में बंधी अस्त-व्यस्त धूल फांकती फाइलें, लकड़ी के चेयर, दीवारों पर पीला रंग या सीलन, कोने में एक घड़ा पानी पीने के लिए। ज्यादातर थाने ऐसे ही होते हैं। पर कोरबा जिले में एक ऐसा पुलिस स्टेशन है जिसे देखकर आपको खुद की आंखों पर भरोसा नहीं होगा। जानिए इस पुलिस स्टेशन के बारे में…
– कोरबा जिले का दर्री पुलिस स्टेशन। बाहर से ऐसा लगता है कि डाक बंगला है। भीतर से किसी मल्टीनेशनल कंपनी के दफ्तर जैसा।
– अक्सर देखा जाता है कि लोग थाने में जाने से ही डरते हैं। उन्हें लगता है कि वहां समस्या सुनने की बजाय बैठाकर उन्हे और टॉर्चर किया जाएगा।
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– पुलिस के बर्ताव को लेकर कई तरह की शंकाएं मन में होती हैं।
– दर्री थाने में आने वाले पीड़ितों को यहां का एनवायरमेंट खुलकर अपनी समस्या कहने के लिए प्रेरित करता है।
– यहां के कर्मचारी भी खुश नजर आते हैं। महिला कर्मचारियों के बच्चे भी आते हैं तो उन्हें थाने में टिपिकल पुलिस स्टेशन की फिलिंग नहीं आती है।
इसलिए इस थाने को बनाया ऐसा
– दर्री पुलिस स्टेशन के सीएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि पूरे राज्य में 452 थानों में से केवल मुंगेली कोतवाली थाना ही ISO सर्टिफाइड है।
– ISO सर्टिफिकेशन करने वाली टीम जब दर्री आई तो उनसे इसके क्राइटेरिया के बारे में जाना गया।
– उसके बाद इस क्राइटेरिया से आगे जाकर हमने काम किया और आज मेहनत ऐसी रंग लाई कि लोग देखकर कहते हैं कि ये इंडियन थाने जैसा तो नहीं लगता है।
– ISO सर्टिफिकेशन करने वाली टीम जब दर्री आई तो उनसे इसके क्राइटेरिया के बारे में जाना गया।
– उसके बाद इस क्राइटेरिया से आगे जाकर हमने काम किया और आज मेहनत ऐसी रंग लाई कि लोग देखकर कहते हैं कि ये इंडियन थाने जैसा तो नहीं लगता है।
40 हजार की जगह 8 लाख किए खर्च
– ISO सर्टिफिकेशन के लिए थाने को डवलप करने में 40 हजार का खर्च आ रहा था।
– फिर ये तय किया गया कि क्यों न थाने का ऐसा कायाकल्प किया जाए कि लोग देखते ही रह जाएं।
– स्थानीय लोगों से बात की गई। वे लोग भी इस योजना से उत्साहित दिखे। जन सहयोग मिला और देखते-देखते 8 लाख रुपए जमा हो गए।
– फिर थाने को ऐसा रूप दिया गया कि कोई आकर ये नहीं कह पाता है कि ये थाना है।
– फिर ये तय किया गया कि क्यों न थाने का ऐसा कायाकल्प किया जाए कि लोग देखते ही रह जाएं।
– स्थानीय लोगों से बात की गई। वे लोग भी इस योजना से उत्साहित दिखे। जन सहयोग मिला और देखते-देखते 8 लाख रुपए जमा हो गए।
– फिर थाने को ऐसा रूप दिया गया कि कोई आकर ये नहीं कह पाता है कि ये थाना है।