इस दिशा में बैठकर कभी ना पढ़े हनुमान चालीसा
दोस्तों जब भी हमारे जीवन में कोई दुःख या परेशानी होती हैं तो हम भगवान की शरण में ही जाते हैं. भगवन के पास कई सारी चमत्कारी शक्तियां होती हैं. वे चाहे तो हमारे जीवन के दुःख दर्द पलभर में ही समाप्त हो जाए. शायद यही वजह हैं कि हर कोई दिन रात भगवान की पूजा पाठ में लगा रहता हैं. हमारे हिंदू धर्म में हर दिन एक अलग भगवान की पूजा के महत्व को दर्शाया गया हैं. मसलन सोमवार शिवजी, बुधवार गणेश जी, शुक्रवार लक्ष्मी माता और शनिवार शनिदेव की पूजा होती हैं. इसी कड़ी में मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के महत्व को बताया गया हैं. हनुआन जी के भक्तों की संख्या करोड़ो में हैं. हर मंगलवार कई लोग हनुमान मंदिर जाते हैं और बजरंग बाली को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. खासकर कि लड़के हनुमान जी के कट्टर भक्त होते हैं.
हनुमान जी को किस्मत चमकाने वाला भी कहा जाता हैं. एक बार जिन्हें इनका आशीर्वाद प्राप्त हो जाए फिर उनका भाग्य उफान मारने लगता हैं. उनके सभी कार्य बिना किसी परेशानी के संपन्न हो जाते हैं. इसके साथ ही हनुमान जी भुत प्रेत और अन्य दुश्मनों से भी रक्षा का काम करते हैं. हनुमान जी का आशीर्वाद हासिल करने के लिए लोग कई तरह के जतन करते हैं. जैसे हनुमान आरती करना, उन्हें चोला चढ़ाना, प्रसाद चढ़ाना या हनुमान चालीसा पढ़ना. हनुमान जी के सामने बैठ हनुमान चालीसा पढ़ने का काफी महत्व होता हैं. इसके बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी होती हैं. इसलिए आप ने मंदिरों या घरो में कई भक्तों को हनुमान चालीसा पढ़ते देखा होगा. या आप में से बहुत से लो भी इसे पढ़ते होंगे.
ऐसा कहा जाता हैं कि जो व्यक्ति हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करता हैं उसके जीवन में दुःख और परेशानियाँ ना के बारबार होती हैं. हालाँकि इस हनुमान चालीसा को पढ़ते समय कुछ बेसिक चीजों का भी ध्यान रखना जरूरी होता हैं. मसलन जब भी आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो किस दिशा में बैठ कर इसे पढ़ते हैं ये काफी मायने रखता हैं. यदि आप सही दिशा में बैठ इसे नहीं पढ़ते हैं तो आपको इसका पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको उस विशेष दिशा के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ बैठ आपको कभी भी हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए.
इस दिशा में बैठ ना पढ़े हनुमान चालीसा
दोस्तों जब भी आप बजरंगबली की पूजा पाठ के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करे तो भूलकर भी दक्षिण दिशा में बैठ इसका पाठ ना करे. ऐसा कहा जाता हैं कि दक्षिण दिशा में सबसे अधिक नेगेटिव एनर्जी होती हैं. इसलिए जब आप इस दिशा में बैठ हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो आपके अंदर नेगेटिविटी आने के चांस अधिक रहते हैं. इसलिए आपको हमेशा इस स्थिति को नज़रअंदाज़ करना चाहिए. दक्षिण दिशा छोड़ आप किसी भी दिशा में बैठ हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं. वहां आपको इसका पूर्ण लाभ जरूर मिलेगा. यदि आपको ये जानकारी पसंद आई तो इसे दूसरों के साथ शेयर जरूर करे.