अजब-गजब

इस देश में एक बोतल दूध की कीमत है 84 हजार रूपये, क्या है इसका कारण

वेनेजुएला

फिल्म ‘पीपली लाइव’ का ये गाना जिसके बोल हैं ‘महंगाई डायन खाए जात है’ आप सब ने सुना ही होगा. ये गाना आम आदमी की जिंदगी से पूरी तरह जुड़ा हुआ है. महंगाई से त्रस्त, परेशान सभी जनता के दिल को झकझोर जाता है ये गाना. इस गाने में महंगाई को डायन का दर्जा दिया गया है. जिसमें बताया जाता है कि कमाई तो बहुत करते हैं लेकिन महंगाई डायन सब खा जाती है. भारत की जनता हर रोज बढ़ रही महंगाई से परेशान है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां की महंगाई इतनी है कि भारत देश उसके सामने कुछ भी नहीं. ये देश महंगाई के मामले में भारत का गुरु है. 

इस देश में एक बोतल दूध की कीमत है 84 हजार रूपये, क्या है इसका कारण

जिस देश के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम है वेनेजुएला. यहां महंगाई ने इतना विकराल रूप ले रखा है कि आप और हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. बता दें कि वेनेजुएला में एक बोतल दूध की खातिर लोगों को 84,000 का भुगतान करना पड़ रहा है.

ये किसी तरह का कोई अफवाह नहीं है बल्कि ये सच्चाई है वेनेजुएला की. जी हां दोस्तों इस देश में महंगाई ने लोगों के बीच त्राहिमाम मचा रखा है. घर का राशन पानी खरीदने में लोगों की आंखों से आंसू आ जाते हैं. जब कभी भी राशन खरीदने जाना होता है तो महीने भर के राशन के लिए इन्हें बोरे में भरकर पैसे ले जाने पड़ते हैं. गरीबों की बात करें तो एक वक्त का रोटी मिलना भी इनके लिए नामुमकिन सा लगता है. आए दिन हालात खराब होते जा रहे हैं.

वेनेजुएला में क्यों आ गई है इतनी महंगाई ? 

दरअसल वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. इस देश के केंद्रीय बैंक के पास मात्र 10 अरब डॉलर बचे हुए हैं. बाकी सारे पैसे कर्जा चुकाने में देने पड़ गए. लेकिन बावजूद इसके अभी भी वेनेजुएला के ऊपर कई देशों का कर्जा बचा हुआ है. अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो गई है जिसकी वजह से यहां की मुद्रा ‘बॉलिवर’ की वैल्यू काफी कम हो गई है. 1 डॉलर से बॉलिवर की तुलना की जाए तो 84,000 बॉलिवर मतलब 1 डॉलर. वेनेजुएला को अभी भी चीन, जापान और रूस का कर्ज देना बाकी है.

इतनी महंगाई होने के बावजूद दुकानों में रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध नहीं है. महीने भर का राशन लेने की खातिर लोगों को लाखों बॉलिवर खर्च करने पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशान तो गरीब तबके के लोग हैं. उन्हें मिलने वाला न्यूनतम वेतन 1 महीने का राशन भी नहीं दिला सकता. सिर्फ 1 सप्ताह का राशन अगर खरीदने जाए तो उसके लिए ही 7 लाख 72 हजार से अधिक बॉलिवर देने पड़ जाते हैं.

इस खबर को पढ़ने के बाद निश्चित रुप से आपका दिमाग चकरा गया होगा. लेकिन सच्चाई यही है. यहां की जनता के बारे में सोच कर भी लगता है कि वो अपनी जिंदगी कैसे गुजर बसर कर रहे होंगे. हालात सुधारने की बजाय बिगड़ते जा रहे हैं. हर एक सामान के लिए उन्हें तरस-तरस कर रहना पड़ता है.

 

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