इस धनतेरस ऐसे करें माँ लक्ष्मी की पूजा हो जायेंगी प्रसन्न, भर देंगी आपके भंडार
ऐसे करें श्री की साधना
धनतेरस के दिन किसी भी स्थिर लग्न में पूजा घर को साफ-सुथरा कर, भक्ति व श्रद्धापूर्वक महालक्ष्मी से यह प्रार्थना करें कि हे जगत जननी! आप मुझ पर प्रसन्न होवे। मैं किसी विधि-विधान से परिचित नहीं हूं। अतः यदि मुझसे कोई त्रुटि हो तो क्षमा करिएगा। यह मन में संकल्प लेकर निश्चित कर लें कि दीपावली के महानिशीथ काल तक मैं ‘श्री सूक्तम् ’ का १६० बार जाप करूंगा, यदि अधिक कर सकते है तो यह संख्या सामर्थ्य के अनुसार २४०, ३६०, ५४० आदि कर सकते हैं।
व्यापारिक घाटे से उबरने के लिए
यदि बीते साल आपको बिजनेस में बहुत ज्यादा घाटा हुआ है और आप इस समय बहुत आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं तो आप निम्न मंत्र का ८०,००० अस्सी हजार जाप करके हवन करें। आपको चमत्कारिक परिणाम मिलेगा।
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम् ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
इस उपाय से दूर होगा कर्ज
यदि आप कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और तमाम कोशिशों के बावजूद भी श्रम के मुताबिक धन अर्जित नहीं हो पा रहा है या आय से अधिक व्यय हो रहा है, तो आप इस उपाय को अवश्य करें। धनतेरस के दिन किसी शुभ स्थिर लग्न से श्री सूक्तम् या कनकधारास्तोत्रम् का पाठ प्रारंभ करें। धनतेरस के दिन ११ पाठ, हनुमान जयंती के दिन २२ पाठ, दीपावली के दिन १११ पाठ या ६४ पाठ, गोवर्धन पूजा के दिन ५५ पाठ, भाई दूज के दिन ३३ पाठ करें। ध्यान रहे कि प्रातः तथा रात्रि में नियमित रूप से पांचो दिन महालक्ष्मी की आरती अवश्य करें।
इस उपाय से दूर होगी गरीबी
यदि आप लगातार गरीबी के संकट से गुजर रहे हैं और आपके दुखों का अंत नहीं हो रहा है तो आप इस धनतरेस इस उपाय को अवश्य करके देखें। यदि बिजनेस में सब कुछ डूब गया हो या आप बेरोजगार हों और मन हमेशा चिंता से घिरा रहता है तो इस धनतेरस इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करें। निश्चय ही मां जगदंबा आपका कल्याण करेंगी।
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजंतोः
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभांददासि।
दारिद्रयदुःखभयहारिणी का त्वदन्या।
सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽद्र्रचित्ता।।
मंत्र संख्या २४०००, ५४,०००, १,२५,००० सामर्थ्य के अनुसार पहले ही निर्धारित कर लें।