इस फौजी जवान की पत्नी को बीमा कंपनी नहीं दे रही मुआवजा
आपको बता दे कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स में डिप्टी कमाडेंट हीरा कुमार 2014 में अपने बटालियन के साथ झारखंड में पोस्ट थे दोस्तों 4 जुलाई को हीरा कुमार बिहार के जमुई इलाके में नक्सलियों से बड़ी मुठभेड़ में में हीरा कुमार देश के लिए शहीद हुए दोस्तों 2016 में इन्हें शहीद होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। दोस्तों इस ऑपरेशन के बाद झारखंड और बिहार सरकार की तरफ से हीरा कुमार की पत्नी को अलग अलग कई सुविधाएं प्रदान की दोस्तों सरकार ने पत्नी बीनू बाई को एक सरकारी नौकरी और जमीन देने की बात कही। दोस्तों आपको बता दे कि बीनू बीएससी और बीएड की हुई है लेकिन सरकारी की बात छोड़ो कोई भी जॉब नही मिली।
दोस्तों बीमा कंपनी भी बीनू को पलटकर आज टीम आगे कुछ नही बताया और आपको बता दे बीमा ने अभी तक कोई मुआवजा नही दिया हीरा कुमार के शहीद होने के बाद भी। दोस्तों इन हालातों से लड़ रही है बीनू। दोस्तों इसके बारे में बीनू ने बताया कि सीआरपीएफ के अधिकारी अब जांच पड़ताल कर रहे है लेकिन दोस्तों बीमा कंपनी ने अभी तक कोई मुआवजा नही दिया बीनू को लगभग 4 साल हो चुके है। दोस्तों जब सीआरपीएफ अधिकारियों ने इसका कारण बीमा कंपनी वालों से पूछा तो पता चला कि डिप्टी कमाडेंट हीरा कुमार जहां पर शहीद हुए थे बीमा कंपनी की सूची के अनुसार वह इलाका नक्सली में नही आता है। दोस्तों दूसरी बात यह कही जा रही है कि हीरा कुमार बिहार में शहीद हुए थे और इनका बीमा झारखंड से नामित था।
दोस्तों हम आपको बता दे कि साल 2016 से आजतक बीनू झा हर बड़े अधिकारी से मिल चुकी है पर आजतक कोई सुनवाई भी नही हो पाई है दोस्तों बीमा कंपनी का कहना है कि अगर हीरा कुमार झारखंड में शहीद हुए होते तो आसानी से बिना की रकम बीनू को मिल जाती लेकिन वो बिहार में शहीद हुए है और बीमा नामित है झारखंड से इसलिए बीमा कंपनी के नियम के अनुसार उनकी सूची ये मान्यता नही दे रही कि बीमा इस तरह मिलेगा दोस्तों इन हालातों से बीनू बहुत परेशान है आज 4 साल हो गए है पर कही से कोई सुनवाई नही है दोस्तों लेकिन सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बीनू की सहायता करते हुए उनके समर्थन किया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नही हो पाई है।