ज्योतिष : शास्त्रों के अनुसार इस बार चातुर्मास पांच महीने का पड़ रहा है। हिंदू धर्म में एक जुलाई से चातुर्मास शुरू होगा, 25 नवंबर तक देवशयन करेंगे। 26 नवंबर को इसकी समाप्ति होगी। 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक क्वांर के महीने में अधिकमास भी पड़ रहा है। इसके कारण चातुर्मास के दिनों में वृद्धि हो गई है। 4 महीने के स्थान पर 4 महीने 25 दिन का चतुर्मास होगा।
हर 32 मास, 16 दिन और 4 घंटे बीतने पर अधिकमास पड़ता है। यह संयोग 32 माह बाद बना है। इससे पहले वर्ष 2017 में अधिकमास पड़ा था। सनातन धर्म में व्रत, भक्ति और शुभ कर्म के चार महीने को चातुर्मास कहा गया है। ध्यान और साधना करने वाले लोगों के लिए यह माह महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्थिति तो सही होती है, साथ ही वातावरण भी अच्छा रहता है।
चातुर्मास चार महीने की अवधि का होता है। जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। इस बार अधिक मास भी पड़ रहा है, जिसमें दान का विशेष महत्व बताया गया है।
इस मास में गुड़, सरसों, मालपुआ और स्वर्ण के साथ दान करने से पृथ्वी दान का फल प्राप्त होता है। अधिकमास में तिल, गेहूं, सोने का दान तथा संध्योपासना कर्म व पर्व का होम ग्रहण का जप, अग्निहोत्र देवता पूजन, अतिथि पूजन अधिकमास में ग्राहृय है। श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायी है। इस मास में 33 देवताओं का स्मरण, पूजन करने का विधान होता है। इसके अलावा अधिमास में तीर्थयात्रा, देवप्रतिष्ठा, तालाब, बगीचा, यज्ञोपवीत आदि कर्म निष्क्रिय हो जाते हैं।