प्रोटीन से भरे ब्रेड
फूड इंजीनियर लॉरेन मेनेगन के साथ मिल कर जेन्तजेन कॉक्रोचों को सुखा कर उनका आटा बनाने में कामयाब हुईं। इस आटे की कीमत थी 51 अमरीकी डॉलर (यानी 3,700 रुपए) प्रति किलो। लेकिन ब्रेड बनाने के लिए कॉक्रोच के आटे का मात्र 10 फीसदी ही इस्तेमाल हुआ, इसे साधारण गेंहू के आटे में मिलाया गया। हालांकि इससे भी काम नहीं बना। जेन्तजेन ने बीबीसी को बताया, “थोडी मात्रा में इसे मिलाने भर से आटे में प्रोटीन 133 फीसदी तक बढ गई।”
100 ग्राम घर में बना साधारण ब्रेड अगर 9.7 ग्राम प्रोटीन दे सकता है, इसकी तुलना में कॉक्रोच ब्रेड में 22.6 ग्राम प्रोटीन होता है। शोधकर्ता बताते हैं कि, “हम इस रेसिपी में फैट यानी तेल की मात्रा को 68 फीसदी तक कम करने में कामयाब हो गए हैं।”
उनका दावा है कि स्वाद के मामले में ये सौ फीसदी आटे से बने साधारण ब्रेड जैसा ही होता है। वो कहते हैं, “हमने ब्रेड के स्वाद, टेक्सचर, खुशबू और रंग की भी अच्छे से जांच की है और हमने पाया है कि ये साधारण ब्रेड के जैसा ही है। हां कुछ लोगों को ये इसमें पीनट की खूशबू आ सकती है।”
न्यूट्रीशन प्रोफेसर इनो विएरा इंसान के भोजन में कीडों-मकोडों के इस्तेमाल के मामलों में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी रखते हैं। वो कहते हैं, “झींगुर, ततैया, चींटियां, तितली, रेशम के कीडे और बिच्छु ऐसे कई कीडे हैं जो हमारे खाने का हिस्सा बन सकते है।”
“हम कीडों को क्यों अपने खाने में अपना नहीं पाते इसके पीछे हमारी सांस्कृतिक समस्याएं हैं।” वो कहते हैं कि अपने भोजन में कीडों को अपनाने से पारंपरिक खाने के स्रोतों पर पड रहा दवाब भी कम होगा।
“हमें एक किलो मीट के उत्पादन के लिए 250 वर्ग मीटर की जमीन की जरूरत होती है जबकि इसी मात्रा में कीडों को पालने के लिए हमें केवल 30 वर्गमीटर जमीन की जरूरत पडती है। साथ ही पानी भी बचेगा क्योंकि एक किलो कीडों के लिए जहां एक हजार लीटर पानी की दरकार है, इतने मीट के लिए 20 हजार लीटर पानी की जरूरत होती है।”