इस यंत्र की मदद से वास्को डि गामा पहुंचा था भारत
वास्को डि गामा
आज हम दुनिया के किसी भी कोने में चंद घंटो में पंहुच जाते हैं। वहीं किसी जगह जाने के लिए पुराने वक्त में कईयों दिन तक ट्रेवल करना पङता था। आज ग्लोबलाइजेशन के कारण किसी भी देश में घूमना वहां की चीजें खरीदना बहुत आसान हो गया है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब व्यापारी कई दिनों तक लगातार पानी के जहाज से यात्रा करते थे। और किसी देश पहुंचते थे। न उनके पास कोई खास कोई आधुनिक उपकरण होता था मौसम का हाल जाने के लिए और न ही कम्युनिकेशन करने के लिए कोई टेलिफोन।
लेकिन इसके बावजूद भी अपनी हिम्मत के दम बहुत से लोगों ने कई देशों की खोज की। जिसमें एक नाम 14 वीं शताब्दी में भारत आए पुर्तगाली व्यापारी वास्को डि गामा का भी है।
पुर्तगाली वास्को डि गामा एक पुर्तगाली नाविक था जो हिंद महासागर के रास्ते भारत आया था। उसी पुर्तगाली नाविक का एक मार्गदर्शन यंत्र 2014 में खोजा गया था, जिसकी जानकारी ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने दी हाल ही में दी है। ये अब तक खोजे गए यंत्र में सबसे प्राचानी है । इस यंत्र को एस्ट्रोलेब कहते हैं जो कांस्य धातु का बना हुआ है। इसका इस्तेमाल 14वी शताब्दी में दिशा का पता लगाने के लिए किया जाता था । और इसकी मदद से वास्को डि गामा भारत पहुंच पाया था।