इस वजह से इन राशियों को कभी नही मिलता है सच्चा प्यार
राशियों के अनुसार मनुष्य जीवन के बारे में अनेकों गणनाएं की जाती है। इन्हीं भविष्यवाणियों के आधार पर ज्योतिष किसी मनुष्य का भविष्य बताते है। राशियों में जातक के विषय में बहुत कुछ बताया जाता है। इन्हीं में से एक है प्रेम संबंध।
प्रेम संबंध एक ऐसा विषय है जिसके बारे में अकसर लोग चिंतित रहते है कि कहीं उनका प्रेमी उनको धोखा तो नहीं देगा। इसी समस्या को हल करेगी हमारी ये खास रिपोर्ट। इसमें हम आपको बता रहे है कौन-सी राशि के जातक को किस राशि के जातक के साथ प्रेम संबंध नहीं बनाने चाहिए अन्यथा उसे धोखा खाना पड़ता है-
मेष, मिथुन और कुंभ राशि के जातकों का कर्क राशि वालों के साथ प्रेम होता है कष्टदायक
मेष और कर्क राशि का स्वभाव एक दूसरे मेल नहीं खाता है। मेष राशि का स्वामी मंगल होता है इसलिये मेष जातक काफी ऊर्जावान होते है, व्यावहारिक होते हैं जबकि कर्क राशि के जातक काफी संवेदनशील और भावुक प्रकृति के होते हैं। इसी वजह से इनका आपसी स्वभाव एक दूसरे से टकराने की संभावनाएं प्रबल रहती है। वहीं कुंभ जातक कर्क राशि वालों को शुरूआत में तो प्रभावित करते हैं लेकिन कुछ समय के पश्चात कर्क की कुंभ से अनबन शुरु हो जाती है। कुंभ जातक असल में काफी सक्रिय और उत्साही होते हैं जबकि कर्क राशि के जातक अपने दायरे से बाहर निकलने में झिझकते हैं खासकर घर परिवार से ज्यादा समय तक दूरी बनाये रखना इनके लिये बहुत मुश्किल होता है अक्सर कुंभ व कर्क के प्रेम में अंतर्विरोध इसी को लेकर पैदा होते हैं।
वृषभ राशि के जातक काफी धैर्यवान होते है। स्थायित्व और सुरक्षित वातावरण की चाह रखते हैं। सिंह जातक जोश व जुनून से लबरेज एक जगह टिकने में कम यकीन रखते हैं। इनके स्वभाव में निहित यहीं कारक इनके दिलों में दूरियां पैदा होने का कारण भी बनते हैं। वहीं कन्या जातक मितव्ययी होते हैं और सिंह जातकों की खर्चा करने की आदत होती है इनका यही स्वभाव प्रेम जीवन में खलल पैदा करने के लिये काफी होता है। सिंह जातक स्वभाव से स्वतंत्र होते हैं और साथ ही अपने साथी से काफी अपेक्षाएं भी रखते हैं सामने वाले मर्जी हो या न हो इनकी मर्जी पूरी होनी चाहिये इस मामले में मीन जातकों के साथ इनका आंकड़ा छत्तीस का हो जाता है क्योंकि मीन जातक अपनी एक अलग ही दुनिया में रहते हैं बेपरवाह जो कि सिंह जातकों को अच्छा नहीं लगता। इसलिये ज्योतिषाचार्य सुझाते हैं कि सिंह जातक कन्या, मीन व वृषभ जातकों से दूर ही रहें तो इनका जीवन सुखद रहता है।
वृश्चिक व मेष राशि दोनों ही स्वभाव से स्वतंत्र व आत्मनिर्भर होती है। इनके प्रेमजीवन में आड़े आता है अहं। मेष जहां थोड़े चंचल और फ्लर्ट मिज़ाज के होते हैं तो वृश्चिक जातकों को इनकी इस प्रवृति से ईर्ष्या होने लगती है यही कारण है कि इनके बीच विश्वास का रिश्ता कायम नहीं हो पाता और संबंध विच्छेद की नौबत आ जाती है। वहीं कुंभ जातक काफी रोमांचकारी होते हैं नये की तलाश में नयी नयी जगहों पर जाना पसंद करते हैं जबकि वृश्चिक जातक इनसे समर्पण व स्थायीत्व की उम्मीद लगाये रहते हैं जब उम्मीदों पर पानी फिरने लगता है तो परिणति बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती। इसलिये ज्योतिषाचार्य यही सलाह देते हैं वृश्चिक जातक मेष व कुंभ जातकों के प्रेम में न ही पड़ें तो अच्छा रहता है।
वृश्चिक की तरह वृषभ राशि वाले भी कुंभ राशि वाले अपने साथी को अपने साथ रखना चाहते हैं लेकिन कुंभ खुले स्वभाव के होने के कारण एक जगह पर टिकना कम ही पसंद करते हैं जिस कारण इनका विवाद बढ़ जाता है कर्क वालों के साथ कड़वाहट का कारण पहले बता ही चुके हैं।
तुला राशि का स्वभाव होता है दूसरों की खुशी में अपनी खुशी प्रकट करना, जबकि मकर राशि के जातक होते हैं थोड़े दंबंग टाइप कई बार ये तुला जातकों के स्वभाव का फायदा भी उठाते हैं लेकिन बर्दाश्त करना जब हद से ज्यादा हो जाता है तो फिर प्यार में तकरार स्वभाविक हो जाती है। वहीं धनु जातकों को मकर राशि वालों की उदासीनता बिल्कुल भी नहीं भाती यही कारण है कि इन्हें मकर राशि वालों के साथ से उकताहट होने लगती है। इसलिये मकर राशि वालों के लिये बेहतर है कि वे तुला व धनु राशि वाले जातकों के साथ प्रेम संबंध न स्थापित करें।
मिथुन जातकों यदि मीन कन्या व कर्क से प्यार हो जाये तो पछताना पड़ सकता है। दरअसल मिथुन चाहते हैं आजादी जबकि मीन उन्हें बांध कर रखना चाहते हैं। वहीं कन्या राशि वाले होते हैं सपष्ट तो मिथुन वाले रहते हैं अक्सर असमंजस में। कर्क वालों के साथ तालमेल क्यों नहीं बैठता इसी पोस्ट में ऊपर बता चुके हैं। तो मिथुन जातकों अगर अपनी आजादी प्यारी है तो मीन, कन्या व कर्क से प्यार के पचड़े में न ही पड़ें तो बेहतर है।