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हल्द्वानी निवासी डा. प्रमोद अग्रवाल गोल्डी को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत वाणिज्य कर विभाग मुख्यालय देहरादून ने बताया है कि देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, रुद्रपुर और हल्द्वानी संभाग में कुल बकाया बढ़कर 6418.45 करोड़ रुपये हो गया है। 2015-16 की तुलना में 2016-17 में वैट से 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई है।
रुद्रपुर संभाग में कुल बकाया सबसे अधिक 3000.73 करोड़ रुपये है। उसके बाद देहरादून संभाग में जहां 1760.51 करोड़ का बकाया है। हल्द्वानी में 763 करोड़ रुपये की वसूली होनी है।
हल्द्वानी में कुमाऊं की सबसे बड़ी व्यापारिक मंडी के अलावा पंतनगर और सितारगंज सिडकुल होने के बावजूद प्रदेश के दस बड़े करदाताओं में कुमाऊं का कोई प्रतिष्ठान नहीं है, हालांकि 2015-16 में हल्द्वानी का एक प्रतिष्ठान इस सूची में शामिल था।
प्रदेश में वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) के तहत 101917 व्यापारी पंजीकृत हैं, जिसमें 75432 करदाता जीएसटी पंजीकृत प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं। ऐसे में वैट के तहत लंबित 6418 करोड़ रुपये वसूल करना भी सरकार के लिए चुनौती भरा होगा।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, दून – पेट्रोल/डीजल – 884.00
भारत पेट्रोलियम, रुड़की – पेट्रोल/डीजल – 180.30
हिंदुस्तान पेट्रोलियम, रुड़की – पेट्रोल/डीजल – 127.67
आईटीसी लिमिटेड, हरिद्वार – सिगरेट/तंबाकू- 112.14
टाटा मोटर्स, दून – मोटर कार/पार्ट्स – 67.18
सीमेंट लिमिटेड, रुड़की – सीमेंट – 54.80
हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, हरिद्वार – दुपहिया वाहन – 52.59
यूनाइटेड स्प्रिट लिमिटेड, दून – शराब – 40.96
अल्ट्राटैक सीमेंट लिमिटेड, दून – सीमेंट – 37.86
रिलाइंट इंडस्ट्रीज, दून – प्लास्टिक – 35.94
शुद्ध कर बकाया (करोड़ रुपये में)
वर्ष – देहरादून – हरिद्वार – रुड़की – रुद्रपुर – हल्द्वानी
2015-16 – 555.03 – 73.49 – 117.79 – 1193.33 – 161.42
2016-17 – 421.41 – 53.64 – 43.09 – 557.24 – 312.00
वस्तु एवं सेवा कर लागू होने से देन-लेनदारियों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। सेल्स टैक्स का जिस व्यापारी पर बकाया है वसूला जाएगा। जिन्हें रिटर्न करना है, उनकी धनराशि वापस की जाएगी।
– राकेश टंडन, ज्वाइंट कमिश्नर कुमाऊं