इस वजह से भारत को वर्ल्ड कप जीत का दावेदार नहीं मानते गावस्कर
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गवाकर टीम इंडिया को इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप में जीत का प्रबल दावेदार नहीं मानते हैं. इंग्लैंड और वेल्स की मेजबानी में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप-2019 में अब कुछ ही महीने बाकी हैं. क्रिकेट के इस महाकुंभ से पहले टीम इंडिया के पास सिर्फ 7 इंटरनेशनल मैच हैं.
सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, भारत नहीं बल्कि इंग्लैंड की टीम इस वर्ल्ड कप को जीतने की प्रबल दावेदार है. गावस्कर ने कहा, ‘इंग्लैंड की टीम फेवरेट टीम है. मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं कि टूर्नामेंट उनके होम कंडीशन में होगा. 2015 वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने अपने खेलने का तरीका बदला है.
2015 वर्ल्ड कप में उन्हें बांग्लादेश ने हरा दिया था. अब उनके पास अच्छे बल्लेबाज हैं, शानदार गेंदबाज हैं और बेन स्टोक्स जैसा ऑलराउंडर है.’ हालांकि गावस्कर ने माना कि 2017 और 2018 में इंग्लैंड में खेलने का फायदा भारत को मिलेगा.
2017 में इंग्लैंड की मेजबानी में हुए चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में भारत ने फाइनल तक का सफर तय किया था. इसके अलावा भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ यहां 2018 में बाइलैटरल वनडे सीरीज खेली थी.
गावस्कर ने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि सबसे पसंदीदा इंग्लैंड हैं और फिर भारत आता है.’ पूर्व भारतीय कप्तान ने विश्व कप 2019 के लिए संभावित सेमीफाइनलिस्ट चुने.
गावस्कर ने भारत और इंग्लैंड के साथ सेमीफाइनल में शामिल होने के लिए अन्य दो पक्षों के रूप में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया का समर्थन किया. सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान को खतरनाक टीम माना है. पाकिस्तान 2017 चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता टीम भी है. उसने फाइनल में भारत को ही हराया था.
गावस्कर ने कहा, ‘पाकिस्तान की टीम हमेशा एक खतरनाक टीम होती है. वहीं डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के आने से ऑस्ट्रेलिया की टीम भी मजबूत हो जाएगी. ये चार टीमें सेमीफाइनल में होंगी. न्यूजीलैंड भी सरप्राइज कर सकती है और भारत को इन टीमों से कड़ा मुकाबला करना पड़ेगा.’
विराट ब्रिगेड 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप के अपने पहले मैच में साउथ अफ्रीका से 5 जून को भिड़ेगी. वर्ल्ड कप- 2019 के मुकाबले 30 मई से 14 जुलाई तक खेले जाएंगे. चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भारत का सामना 16 जून को होगा. भारत ने विश्व कप में हमेशा पाकिस्तान को हराया है.
इस वर्ल्ड कप के लीग मुकाबले में सभी टीमें एक-दूसरे से खेलेगी. 1992 वर्ल्ड कप के बाद यह पहला मौका है जब टूर्नामेंट एक फॉर्मेट में खेला जा रहा है. इसी वजह से इस बार सभी टीमों के बीच सेमीफाइनल में पहुंचने की जंग रहेगी.