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इस वर्ष प्रदेश में बाढ़ से नहीं हुई जनहानि -स्वाती सिंह

लखनऊ : राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास बजट के अभाव के बाद भी इस वर्ष बाढ़ के नियंत्रण हेतु प्रभावी कदम उठाये गये। बाढ़ एक दैवीय आपदा है किन्तु पूर्व तैयारियों के साथ नियंत्रण के उपाय किये गये जिससे इस वर्ष प्रदेश में बाढ़ से कोई जनहानि नहीं हुई। बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंगलवार को विधान भवन, लखनऊ स्थित तिलक हाल में विभाग की छह माह की उपलब्धियों पर प्रेस वार्ता कर रही थीं। उन्होंने अवगत कराया कि प्रदेश में तटबन्धों की संख्या 523/लम्बाई 3868 किमी., ड्रेनों की संख्या 6450/लम्बाई 42625 किमी. है। बाढ़ की पूर्व तैयारियों के लिए प्रदेश में 45 बाढ़ नियंत्रण कक्ष और बाढ़ सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु 110 बेतार केन्द्रों की व्यवस्था की गई। नोडल एवं बाढ़ समन्वय अधिकारियों का नामांकन किया गया। जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्टीयरिंग ग्रुप का गठन एवं बैठक कराकर सेंसीटाइज भी किया गया। अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाढ़ समस्याओं के सम्बन्ध में नोडल अधिकारियों का मनोनयन हुआ। संवेदनशील जनपदों में विभाग की बाढ़ पूर्व तैयारियों/कार्यों का सत्यापन भी कराया गया। क्षेत्रीय अभियन्ताओं को समुचित बाढ़ प्रबन्धन हेतु दिशा-निर्देश पहले से जारी किये गये।

उन्होंने कहा वर्ष 2016 में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तटबंधों पर पुनसर््थापना की दिशा में की गई कार्यवाही की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जनपद गोण्डा में एल्गिन-चरसरी तटबंध की परियोजना लागत 97.35 करोड़ भारत सरकार से दिनांक 11.05.2017 को स्वीकृत होने पर बजट उपलब्ध न होने के कारण परियोजना पर आकस्मिकता निधि से माह जून में धनराशि 20 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया गया। जनपद सिद्धार्थनगर के अशोगवा-नगवा तटबंध की परियोजना लागत 1.41 करोड़ रुपये के कार्य पूर्ण कराये गये। जनपद बलिया के दूबे छपरा-टेंगरही तटबंध की परियोजना लागत 29.35 करोड़ (रुपये 21.23 एवं रुपये 8.12 करोड़) के कार्य वर्षाकाल से पूर्व सुरक्षित स्तर तक पूर्ण कराये गये। बाढ़ नियंत्रण मंत्री ने अवगत कराया कि बाढ़ से बचाव हेतु निर्मित बाढ़ संरचनाओं यथा-तटबंध, कटाव निरोधक कार्य, रेगुलेटर इत्यादि की मरम्मत तथा संवेदनशील स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में रिजर्व स्टाक की व्यवस्था करने हेतु 61.76 करोड़ रुपये एवं जल निकास अनुरक्षण कार्यों हेतु 19.40 करोड़ रुपये, कुल 81.16 करोड़ रुपये आवंटित किये गये है। उक्त के अतिरिक्त चालू बाढ़ नियंत्रण परियोजना को पूर्ण कराने के लिए 203.42 करोड़ रुपये आवंटित किये गये।

उन्होंने कहा प्रदेश में सरकार द्वारा बाढ़ नियंत्रण की व्यवस्थाओं को सख्ती से लागू किया गया। बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास की वर्ष 2017-18 में चलित 189 परियोजनाओं का स्थलीय सत्यापन कराया गया एवं प्राप्त आख्या के आधार पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही भी की गई। राज्य आकस्मिकता निधि से प्रदेश की अतिसंवेदनशील 26 परियोजनाओं पर 101.78 करोड़ का आवंटन कराया गया। श्रीमती स्वाती सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि शेष तटबन्धों पर बाढ़ से सम्बन्धित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा दिन-रात लगातार तटबन्धों पर सतत निगरानी करते हुए बाढ़ के कार्य कराये गये, और प्रभावित क्षेत्रों को सुरक्षा प्रदान की गई। नेपाल राष्ट्र के जनपद-नवलपरासी एवं उत्तर प्रदेश के जनपद कुशीनगर, गोण्डा, लखीमपुर, बदायू, गाजीपुर एवं पीलीभीत की कुल लागत 169.94 करोड़ रुपये की कुल 24 परियोजनाओं को परिचालन के माध्यम से मुख्यमत्रंी उ0प्र0 की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी संचालन समिति से स्वीकृत कराई गई। बाढ़ अवधि के पश्चात् इस पर कार्य कराया जायेगा।

 

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