इस शहर में स्मार्टफोन से भी सस्ती मिलती हैंं मशीनगन!
दाराअदमखेल। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर हिस्से का ये इलाका हथियार और गोला बारूद का सबसे बड़ा काला बाजार है। कालाशनिकोव रायफल के लिए प्रयोग की जाने वाली धातु यहां एक स्मार्टफोन से भी सस्ती है। साथ ही इन्हें औद्योगिक स्तर पर बेचा जाता है।
पेशावर शहर के दक्षिण में यह इलाका तकरीबन 35 किलोमीटर क्षेत्र में फैली पहाड़ियों से घिरा है।यही नहीं दशकों से ये इलाका आपराधिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। तस्कर हो या ड्रग्स रैकेट चलानेवाले हों सभी का ये पसंदीदा इलाका है। चोरी की कार से लेकर फर्जी यूनिवर्सिटी डिग्री तक यहां मिलती है।
1980 में बढ़ा हथियारों का व्यापार
रूस से लगनेवाली सीमाओं की रक्षा के लिए मुजाहिद्दीन ने अफगानिस्तान के लिए इस इलाके से हथियार खरीदना शुरू किया था।बाद में यह इलाका पाकिस्तानी तालिबान का गढ़ बन गया। इस समूह ने अपने नियम और कानून बनाए। 2009 में पोलिश इंजीनियर की हत्या के बाद ये संगठन और खूंखार हो गया था।
फिलहाल ये क्षेत्र अब पहले से इन सब गतिविधियों से दूर हैं, फिरभी बंदूक बनानेवाले अभी भी बाजार में हैं, उनके मुताबिक इस इलाके में सुरक्षा के इंतजाम पहले से बेहतर हुए हैं। प्रशासन अवैध हथियारों को लेकर सख्त हो गया है जिसके चलते ये बाजार खत्म से हो गए हैं।
45 साल के खिताब गुल के मुताबिक नवाज शरीफ सरकार ने जगह जगह चेक प्वाइंट्स बना दिए हैं, जिसने व्यापार खत्म कर दिया है। दारा में गुल को मशीन गन MP5 की तरह बंदूके बनाने के लिए जाना जाता है जो विश्व में बेहद लोकप्रिय है। ये मशीन गन अमेरिका में स्वात और एफबीआई की टीमें प्रयोग करती हैं। एमपी 5 गन विश्व में सबसे महंगी बिकनेवाली मशीन गन हैं। लेकिन गुल की बनाई हुई गन एक साल की गारंटी के साथ सात हजार रुपए अमेरिका के करेंसी के मुताबिक 67 डॉलर में ये उपलब्ध है।यही नहीं गुल का दावा है कि किसी भी ओरिजनल मशीन गन के बराबर ये काम करती है।
गुल अपनी दुकान के बाहर एक छोटी रेंज में इसे चलाकर भी दिखाते हैं। दारा में बनी हुई बंदूक 125 डॉलर तक में बेची जा सकती है। साथ ही गुल कहते हैं कि एक स्मार्टफोन से भी सस्ती होती हैं ये बंदूकें। उसने बताया कि यहां काम करनेवाले इतने योग्य हैं कि वे किसी भी बंदूक को एक बार देखलेने के बाद ठीक वैसी ही बंदूक बना सकते हैं।