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इस ‘सेठ’ की मासिक कमाई करोड़ों में पहुंची, तस्करों से संबंध के चर्चे!

sanwaliya-sethचित्तौड़गढ़ . राजस्थान मण्डफिया के इस सेठ की कमाई कभी कुछ हजारों रुपए भी नहीं थी, लेकिन अब एक महीने की इनकम लाखों से करोड़ों रुपए पार हो चुकी है.

हम बात कर रहे हैं चित्तौड़गढ़ के मण्डफिया स्थित सांवलिया सेठ की. सांवलिया सेठ कोई और नहीं भगवान कृष्ण का मंदिर है. राजस्थान ही नहीं देशभर में विख्यात इस मंदिर के भंडारे में श्रद्धालुओं ने इसबार भी भेंट की राशि करोड़ों तक पहुंचा दी, देर रात 2 बजे तक चली गिनती में करीब ढाई करोड़ रुपए निकले हैं.

उल्लेखनीय है कि मासिंक मेले के पहले शुक्रवार को राजभोग की आरती के बाद जयकारों के बीच मंदिर का भंडार खोला गया. इसमें 2 करोड़ 42 लाख 72 हजार 141 रुपए नकद निकले तो 54 किलो चांदी भी मिली.

मंदिर प्रबंधन के अनुसार सांवलिया सेठ के भेंट कक्ष में 13 लाख 34 हजार 994 रुपए जमा हुए. भेंट कक्ष में ही 54 किलो 106 ग्राम चांदी के आभूषण भी मिले. वहीं, भण्डार से 56 ग्राम 300 मिली ग्राम सोने के आभूषण और 1524 ग्राम चांदी के आभूषण भी निकले.

भंडारे में चढ़ती है अफीम:

बता दें कि यह ऐसा कृष्णधाम है जहां भेंट में रुपए और गहनों के साथ साथ यहां अफीम भी चढ़ाई जाती है. चढ़ावे से ज्‍यादा पैसा तो यहां अफीम के रूप में आता है. यह भी कहा जाता है कि लोग यहां अवैध अफीम की डिलीवरी सकुशल होने की मन्‍नत मांगते है और पूरी होने पर 100 ग्राम या 50 ग्राम की अफीम की पुड़िया चढ़ाते है. हालांकि, इसके पीछे महंत का तर्क है कि यहां अफीम इस लिए चढ़ाई जाती है क्‍योंकि लोगों की अफीम की फसल की पैदावार अच्‍छी हो.

भगवान को बना लेते हैं तस्करी में पार्टनर:

सांवलिया सेठ को लेकर एक और बात लोगों के बीच हमेशा से चर्चा का विषय रही है, वो है अफीम तस्करों के बीच लोकप्रियता. कहा जाता है कि अफीम तस्कर अपने तस्करी के धंधे में सांवलिया सेठ का पार्टनर बना लेते हैं और सौदेबाजी में एक हिस्सा उनको चढ़ावे में देने का तय करते हैं. जब सकुशल अफीम तस्करी हो जाती है तो यह राशि भगवाने के भंडारे में चढ़ावे के रूप में भेंट कर देते हैं. यह बता दें कि सांवलिया सेठ के साथ तस्करों की यह पार्टनरशिप एक तरफा होती है यानी तस्कर खुद ही मन से उनको पार्टनर बनाते हैं और धंधे में बरकत बनी रहे इसके लिए उसपर अटल भी रहते हैं.

 

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