ईंट, भट्ठे से शुरू हुई अजब प्रेम की गजब कहानी, दो मजदूर प्रेमियों की शादी में ग्रामीण हुए शामिल
अरवल : चिमनी से निकलता धुआं,धूल-धूसरित वातावरण आम तौर पर ईंट, भट्ठे पर यही नजारा रहता है, लेकिन बुधवार को प्रखंड क्षेत्र के नादी में अलख पासवान के ईंट भट्ठे का कुछ अलग ही नजारा था, यहां मंडप सजी और एक प्रेमी युगल शहनाई की गूंज के बीच परिणय सूत्र में में बंधे। इसके पीछे की कहानी भी काफी रोचक है। हुआं यूं कि ईंट भट्ठे पर काम करने वाले झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत लोहरसी गांव निवासी सुरेश लोहार की आंखें दूसरे ईंट भट्ठे पर काम करने वाली खुशबू कुमारी से चार हो गईं। लड़की भी झारखंड की ही लातेहार जिले की महुआ गांव की निवासी है। दोनों ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते और एक-दूसरे को देखते, लेकिन बात नहीं होती थी। ईंट भट्ठे पर एक दिन समारोह था तो दोनों के बीच बातचीत हुई और फिर धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हो गई और कुछ ही दिनों में दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों के बीच संदेश वाहक का काम ईंट ढोने वाला ट्रैक्टर ड्राइवर करता था। प्रेमी अपनी बातें ट्रैक्टर चालक के माध्यम से धमौल स्थित ईंट भट्ठे पर अपनी प्रेमिका तक पहुंचाया करता था और वह उसी चालक से अपना संदेश नादी स्थित ईंट भट्ठे पर पहुंचाया करती थी। ये सिलसिला दो साल तक चला। दोनों के बीच के प्यार की कहानी का पता जब ईंट, भट्ठे के मालिकों को हुई तो उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए एक सकारात्मक कदम उठाकर दोनों के परिजनों से इस रिश्ते के संबंध में बातें की। दोनों की रजामंदी के बाद उन्होंने अपने चिमनी भट्ठे पर शादी की इजाजत दी। ईंट, भट्ठे पर ही शादी का मंडप बनाया गया जहां भव्य समारोह का आयोजन कर पूरी धार्मिक रीति-रिवाज के साथ दोनों की शादी हुई। शादी समारोह में ईंट भट्ठे पर काम करने वाली महिलाओं ने मंगल गीत गाया तो वहीं मजदूरों ने भी जमकर डीजे की धुन पर ठुमके लगाए। कन्यादान की रस्म ईंट भट्ठे के मालिक ने निभाई और वर- वधू दोनों को भरपूर उपहार दिए। दोनों ही परिवार के परिजन इस शादी समारोह को देखकर खुश नजर आए। यह शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।